अन्तर्मुखी व्यक्तित्व एवं बहिर्मुखी व्यक्तित्व के अन्तर को स्पष्ट कीजिए ।
अन्तर्मुखी व्यक्तित्व एवं बहिर्मुखी व्यक्तित्व के अन्तर को स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर— अन्तर्मुखी व्यक्तित्व एवं बहिर्मुखी व्यक्तित्व में अन्तर (Difference between Introvert Personality and Extrovert Personality)—
अन्तर्मुखी व्यक्तित्व (Introvert Personality)— इस प्रकार के व्यक्तित्व वाले व्यक्तियों की आदतें, अभिवृत्तियाँ, स्वभाव आदि बाह्य रूप से प्रकट नहीं होती है, अतः इस प्रकार के व्यक्तियों को अन्तर्मुखा व्यक्तित्व वाले व्यक्ति कहा जाता है। इस प्रकार के व्यक्ति अपने आप में ही रुचि रखते हैं, उनका झुकाव अपनी ओर ही होता है, इनमें आन्तरिक विश्लेषण की मात्रा अधिक होती है तथा मानसिक शक्तियों का विकास अधिक नहीं होता है। वे संकोची होने के कारण अपने भावों को स्पष्ट करने में समर्थ नहीं हो पाते हैं। इस प्रकार के व्यक्ति शर्मीले और झेंपने वाले होते हैं। ये दूसरों से मिलना तथा बोलना कम पसन्द करते हैं।
बहिर्मुखी व्यक्तित्व (Extrovert Personality)– इनका झुकाव बाह्य तत्त्वों की ओर होता है ये अपने विचारों, भावनाओं को स्पष्ट रूप से व्यक्त करते हैं। ये संसार के भौतिक तथा सामाजिक लक्ष्यों में विशेष रुचि रखते हैं। यद्यपि उनका अपना आन्तरिक जीवन होता है परन्तु ये बाह्य पक्ष की ओर अधिक आकर्षित होते हैं। ये बाह्य सामंजस्य के प्रति सदैव सचेत रहते हैं और कार्यों व कथनों में अधिक विश्वास रखते हैं, इनमें आत्म-विश्वास चरम सीमा पर होता है। इस प्रकार के व्यक्तित्व वाले व्यक्ति अधिकतर सामाजिक व्यापारी तथा नेता होते हैं।
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