उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण से आप क्या समझते है ? वैश्वीकरण का भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा है। इसकी व्याख्या करें।

उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण से आप क्या समझते है ? वैश्वीकरण का भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा है। इसकी व्याख्या करें।

उत्तर- उदारीकरण- उद्योग को स्थापित करने के लिए एवं व्यापार को सरल एवं व्यापक बनाने के लिए नियमों एवं पाबंदियों को लचीला बनाना उदारीकरण है। इससे बाजार में प्रतिस्पर्धा उत्पन्न होती है, जिससे उपभोक्ता को सस्ता एवं गुणवत्तापूर्ण सामग्री की प्राप्ति सरल रूप में हो जाती है।

निजीकरण- जब किसी उद्योग का प्रबंधन का नियंत्रण किसी निजी व्यक्ति या सहकारी समिति के हाथ में होती है तो यह व्यवस्था निजीकरण कहलाती है। इससे किसी प्रतिष्टान पर सरकारी एकाधिकार कम या सीमित हो जाता है।

वैश्वीकरण- देश की अर्थव्यवस्था को विश्व की अर्थव्यवस्था के साथ जोड़ने की प्रक्रिया वैश्वीकरण कहलाती है। इससे प्रत्येक देश बिना किसी प्रतिबंध के पूँजी, तकनीक एवं व्यापारिक आदान-प्रदान करने में सक्षम हो पाता है। इस प्रक्रिया द्वारा भारत भी विश्व के विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्था से जुड़ सकेगा।
वैश्वीकरण द्वारा भारत को किसी वस्तु के आयात-निर्यात में छूट, सीमा शुल्क में कमी, विदेशी पूँजी का मुक्त प्रवाह, बैंकिंग, बीमा, जहाजरानी क्षेत्रों में पूँजी निवेश, रुपयों को पूर्ण परिवर्तनशील बनाने जैसे लाभ मिल सकेंगे। इन उद्देश्यों की पूर्ति होने पर भारतीय अर्थव्यवस्था में कई सुधार हुए हैं। या यह कह सकते हैं कि वैश्वीकरण ने भारतीय अर्थव्यवस्था को काफी गतिशील बनाया है।

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