‘उद्दीपन प्रसूत व्यवहार’ एवं ‘क्रिया प्रसूत व्यवहार’ में अन्तर समझाइये ।

‘उद्दीपन प्रसूत व्यवहार’ एवं ‘क्रिया प्रसूत व्यवहार’ में अन्तर समझाइये ।

उत्तर— ‘उद्दीपन प्रसूत व्यवहार’ एवं ‘क्रिया प्रसूत व्यवहार’ में अन्तर निम्नलिखित प्रकार हैं—
उद्दीपन प्रसूत व्यवहार —
1. इसके प्रतिपादक रूसी वैज्ञानिक पावलॉव (1927) है। इसे उद्दीपन प्रकार (S-type) कहते हैं।
2. यह उद्दीपन उन्मुख है (S-R) (उद्दीपन) – अनुक्रिया पर आधारित ।
3. इसमें प्रयोग कुत्ते पर किये ।
4. अनुक्रिया कृत्रिम उत्तेजक द्वारा होती है।
5. उत्तेजक आधार होता है।
क्रिया प्रसूत व्यवहार—
1. इसके प्रतिपादक अमरीकी मनोवैज्ञानिक स्किनर (1938) है और इसे अनुक्रिया प्रकार (R-type) कहते हैं ।
2. यह अनुक्रिया उन्मुख है (R-S) या (अनुक्रिया उद्दीपन पर आधारित ) ।
3. इसमें प्रयोग चूहों, कबूतरों पर किये ।
4. अनुक्रिया वास्तविक उत्तेजक द्वारा होती है।
5. स्वाभाविक प्रतिक्रिया होती है।
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Ajit kumar

Sub Editor-in-Chief at Jaankari Rakho Web Portal

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