औद्योगिकीकरण के कारणों का उल्लेख करें।

औद्योगिकीकरण के कारणों का उल्लेख करें।

उत्तर ⇒ औद्योगिकीकरण के प्रमुख कारण निम्नलिखित थे-

(i) स्वतंत्र व्यापार एवं अहस्तक्षेप की नीति- ब्रिटेन में स्वतंत्र व्यापार और अहस्तक्षेप की नीति ने ब्रिटिश व्यापार को बहुत अधिक विकसित किया। जिसके कारण उत्पादित वस्तुओं की मांग में काफी वृद्धि हुई।

(ii) नय-नये मशीनों का आविष्कार- अठारहवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में ब्रिटेन में नये-नये यंत्रों एवं मशीनों के आविष्कार ने उद्योग जगत में ऐसी क्रांति का सूत्रपात किया, जिससे औद्योगिकीकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ। 1770 ई० में जेम्स हारग्रीब्ज ने सूत काटने की एक अलग मशीन ‘स्पिनिंग जेनी’ बनाई। सन् 1773 में जॉन के ने फ्लाइंग शदल’ बनाया जिसके द्वारा जुलाहे बड़ी तेजी से काम करने लगे तथा धागे की माँग बढ़ने लगी। टॉमस बेल के ‘बेलनाकार छपाई’ के आविष्कार ने तो सूती वस्त्रों की रंगाई एवं छपाई में नई क्रांति ला दी।

(iii) कोयले एवं लोहे की प्रचुरता – चूँकि वस्त्र उद्योग की प्रगति कोयले एवं लोहे के उद्योग पर बहुत अधिक निर्भर करती है, इसलिए इन उद्योगों पर बहुत अधिक ध्यान दिया गया। ब्रिटेन में कोयल एवं लोहे की खाने प्रचूर मात्रा में थी। 1815 ई० में हेनरी बेसेमर ने एक शक्तिशाली भट्टी विकसित करके लौह उद्योग को और भी बढ़ावा दिया।

(iv) उद्योग तथा व्यापार के नये-नये केंद्र- फैक्ट्री प्रणाली के कारण उद्योग एवं व्यापार के नये-नये केंद्र स्थापित होने लगे। लिवरपुल में स्थित लंकाशायर तथा मैनचेस्टर सूती वस्त्र उद्योग का बड़ा केंद्र बन गया। न्यू साउथ वेल्स ऊन उत्पादन का केंद्र बन गया।

(v) सस्ते श्रम की उपलब्धता – औद्योगिकीकरण में ब्रिटेन में सस्ते श्रम की आवश्यकता की भूमिका भी अग्रणी रही। बाड़ाबंदी प्रथा की शुरुआत के कारण जमींदारों ने छोटे-छोटे खेतों को खरीदकर बड़े-बड़े फार्म स्थापित कर लिए। जमीन बेचनेवाले छोटे किसान भूमिहीन मजदूर बन गए। मशीनों द्वारा फैक्ट्री में काम करने के लिए असंख्य मजदूर कम मजदूरी पर भी तैयार हो जाते थे।

(vi) यातायात की सुविधा- फैक्ट्री में उत्पादित वस्तुओं को एक जगह स दसरे जगह पर ले जाने तथा कच्चा माल की फैक्ट्री तक लाने के लिए ब्रिटेन म यातायात की अच्छी सुविधा उपलब्ध थी। रेलमार्ग शुरू होने से पहले नदियों एवं समुद्र के रास्ते व्यापार होता था। जहाजरानी उद्योग में यह विश्व का अग्रणी देश था और सभी देशों के सामानों का आयात-निर्यात मुख्यतया ब्रिटेन के व्यापारिक जहाजी बेड़े से ही होता था, जिसका आर्थिक लाभ औद्योगिकीकरण की गति का तीव्र करने में सहायक बना।

(vii) विशाल उपनिवेश – औद्योगिकीकरण की दिशा में ब्रिटेन द्वारा स्थापित विशाल उपनिवेशों ने भी योगदान दिया। इन उपनिवेशों से कच्चा माल सस्ते दामा में प्राप्त करना तथा उत्पादित वस्तुओं को वहाँ के बाजारों में महँगे दामों पर बेचना आसान था।

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