कविता के आरंभ में कवि भारतीय जनता का वर्णन किस रूप में करता है ?
कविता के आरंभ में कवि भारतीय जनता का वर्णन किस रूप में करता है ?
उत्तर :- कविता के आरंभ में कवि ने भारतीय जनता की सरल एवं विनीत छवि का वर्णन किया है। कवि ने कहा है कि जनता सहनशील होती है, जाडा-गर्मी सबको सहती है, दु:ख-सुख में एकसमान रहती है। मिट्टी की मूरत की तरह अबोध है । जनता फल की तरह है जिसे जब चाहो, जहाँ जिस रूप में रख दो । जनता अबोध बालक है जिसे छोटे प्रलोभन देकर प्रसन्न किया जा सकता है, अर्थात् भारत की भोली-भाली जनता असहनीय पीड़ा को चुपचाप सहकर भी मूक बनी रहनेवाली है। राजा द्वारा शोषित होने पर भी प्रतिकार नहीं करती है।
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