कूद क्रीड़ाओं’ पर टिप्पणी लिखिए।
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उत्तर— कूद क्रीड़ाएँ — स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। इस प्राचीन कहावत से सिद्ध होता है कि स्वस्थ शरीर का अपना विशेष महत्त्व होता है। प्राचीन समय में शरीर को स्वस्थ रखने के लिये विभिन्न प्रकार के व्यायाम एवं खेलकूद जैसे— कबड्डी, दौड़ना, कूदना एवं कुश्ती लड़ना आदि नियमित रूप से किये जाते थे। इन खेलों से शरीर स्वस्थ एवं सुगठित बनता था परन्तु आज विभिन्न प्रकार के खेलकूदों के साथ-साथ प्राचीन खेलकूदों को भी समुचित स्थान प्रदान किया गया है। शारीरिक शिक्षा के अन्तर्गत इन खेलों में कुछ कूद क्रीड़ाओं को भी स्थान दिया गया है। कूद क्रीड़ाओं के अन्तर्गत लम्बी कूद, ऊँची कूद, बाँस – फाँद तथा तिहरी कूद आदि प्रमुख हैं। इन कूद क्रीड़ाओं से शरीर की माँसपेशियाँ सशक्त होती हैं, शरीर में स्फूर्ति आती है तथा शारीरिक विकास भी समुचित रूप से होता है। कूद क्रीड़ाएँ निम्नलिखित प्रकार की होती हैं—
(1) लम्बी कूद।
(2) तिहरी कूद ।
(3) ऊँची कूद |
(4) बाँस- फाँद ।
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