पाटलिपुत्र (पटना) के इतिहास का संक्षिप्त विवरण दीजिए।

पाटलिपुत्र (पटना) के इतिहास का संक्षिप्त विवरण दीजिए।

उत्तर ⇒ पाँचवीं शताब्दी ई० पूर्व में मगध साम्राज्य की राजधानी राजगृह से स्थानांतरित कर पाटलिपुत्र में बनाई गई। नंदों और मौयों के शासन काल में इस नगर का चातुर्दिक विकास हुआ। यूनानी राजदूत मेगास्थनीज ने इस नगर की यात्रा की एवं इसका विवरण लिखा। बाद में चीनी यात्री फाहियान एवं ह्वेनसांग भी यहाँ आए। गुप्तकाल तक पाटलिपुत्र शिल्प, व्यापार, शिक्षा और सांस्कृतिक गतिविधियों का केन्द्र बना रहा।
गुप्तोत्तर काल से पाटलिपुत्र नगर का पतन हुआ। 1541 में शेरशाह ने गंगा-गंडक के संगम पर एक किला का निर्माण करवाया। इस समय से पाटलिपत्र पटना के रूप में विख्यात हुआ। 17 वीं शताब्दी के आरंभ में पटना आजिमाबाद के नाम से जाना गया। इसी समय यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों का नगर में आगमन हुआ। सिखों के अंतिम गुरु गुरु गोविन्द सिंह की जन्मस्थली होने के कारण सिख धर्मावलम्बियों के लिए यह नगर तीर्थस्थान बन गया।

Ajit kumar

Sub Editor-in-Chief at Jaankari Rakho Web Portal

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