प्रजातिगत रूढ़िबद्धता एवं पूर्वाग्रह को समाप्त करने हेतु हमें कौन-कौनसे प्रयास करने चाहिए ?
प्रजातिगत रूढ़िबद्धता एवं पूर्वाग्रह को समाप्त करने हेतु हमें कौन-कौनसे प्रयास करने चाहिए ?
उत्तर— प्रजातिगत रूढ़िबद्धता को समाप्त करने हेतु प्रयास निम्नलिखित प्रयास किए जाने चाहिए—
(1) शिक्षक को सभी के साथ समानता का व्यवहार करना चाहिए। उसे मानव सभ्यता के विकास की कहानी बताकर कहना चाहिए कि सभी जातियाँ आर्य की संतान हैं। सभी मनुष्य में कुछ व्यक्तिगत विभिन्नता होती है जिससे कोई अधिक बुद्धिमान तथा कुछ कम बुद्धिमान होता है।
(2) शिक्षक एक जननेता बनकर व्यक्तियों को समझाए कि वे परस्पर भेदभाव न रखें तथा ऐसे खेल आयोजित करने चाहिए, जिनसे परस्पर सम्पर्क अधिक हो सके।
(3) वैज्ञानिक दृष्टिकोण बनाए रखकर वह विभिन्न प्रजातियों एवं सामान्य मनुष्यों में अनुसंधान करें। ये अनुसंधान प्रयोगात्मक होना चाहिए, जिससे वह सिद्ध कर सके कि सभी जातियों के बालकों की बुद्धि आदि चर समान होते है।
(4) शिक्षक भेदभाव किए बिना प्रजातियों द्वारा श्रेष्ठ कार्य करने पर पुनर्बलन प्रदान करना चाहिए, ताकि अन्य जातियों में पूर्वाग्रह समाप्त हो ।
(5) कबीर दास जी के अनुसार ईश्वर एक ही है। हमने उसे राम रहीम नाम दे रखे हैं आदि का उदाहरण देकर स्पष्ट करें कि हम सब ईश्वर के अंश हैं। इससे रूढ़िवादिता कम होगी।
(6) शिक्षक देश में यह संदेश फैलाये कि हम मानव हैं हमें मानवता के लिए प्रयास करना चाहिए। उनमें ‘विश्व बन्धुत्व’ की भावना पैदा करनी चाहिए। इस दृष्टि से जयशंकर प्रसाद द्वारा विरचित कामायनी श्रेष्ठ उदाहरण सिद्ध हो सकती
इस प्रकार शिक्षक के द्वारा परस्पर जाति-प्रजातियों में उत्पन्न रूढ़िवादिता को दूर किया जा सकता है।
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