दूर से ही ललकारता, ‘कौन ?’ मैं जवाब देता, ‘दोस्त !’ की व्याख्या कीजिए।

दूर से ही ललकारता, ‘कौन ?’ मैं जवाब देता, ‘दोस्त !’ की व्याख्या कीजिए।

उत्तर :- प्रस्तुत पंक्ति हिन्दी पाठ्य-पुस्तक के कुँवरः नारायण रचित ‘एक वृक्ष की हत्या’ पाठ से उद्धत है । इसमें कवि ने एक वृक्ष के कटने से आहत होता है और इसपर चिंतन करते हुए पूरे पर्यावरण एवं मानवता पर खतरा की आशंका से आशंकित हो जाता है। इसमें अपनी संवेदना को कवि ने अभिव्यक्त किया है। प्रस्तुत व्याख्येय अंश में कवि कहता है कि जब मैं अपने घर लौटा तो पाया . कि मेरे घर के आगे प्रहरी के रूप में खड़े वृक्ष को काट दिया गया है। उसकी याद करते हुए कवि कहते हैं कि वह घर के सामने अहर्निश खड़ा रहता था मानो वह गृहरक्षक हो । जब मैं बाहर से लौटता था उसे दूर से देखता था और मुझे प्रतीत होता था कि वृक्ष मुझसे पूछ रहा है कि तुम कौन हो ? तब मैं बोल पड़ता था कि मैं तुम्हारा मित्र हूँ। यहाँ वृक्ष और मनुष्य की संगति का बखान है।

हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
  • Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Facebook पर फॉलो करे – Click Here
  • Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Google News ज्वाइन करे – Click Here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *