फुटबाल खेल का परिचय देते हुए इसके खेलने की विधि, नियमों एवं तकनीकों का उल्लेख कीजिए।

फुटबाल खेल का परिचय देते हुए इसके खेलने की विधि, नियमों एवं तकनीकों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर—  फुटबाल — यह खेल अत्यन्त प्राचीन खेल है। इस खेल का जन्मदाता भी इंग्लैण्ड माना जाता है। कुछ विचारकों के अनुसार, यह खेल सर्वप्रथम आदम ने ईडल के बगीचे में खेला था, परन्तु यह खेल औपचारिक रूप से सर्वप्रथम टर्बी इंग्लैण्ड 210 ई. में खेला गया था । इस खेल में दो दलों में 11-11 खिलाड़ी होते हैं। इसमें एक गोलकीपर, 2 सुरक्षा पंक्ति, 5 अग्रिम पंक्ति और 3 मध्य पंक्ति में होते हैं। खेल का समय 90 मिनट का होता है यह 45 मिनट के दो भागों में खेला जाता है। ।
खेल का मैदान – लम्बाई 100 गज से 130 गज तथा चौड़ाई 50 से 56 गज तक होती है। गोल 8 गज तक एवं स्तम्भ की ऊँचाई 3 फुट होती है। फुटबाल खेल के मैदान का चित्र निम्नलिखित प्रकार हैं
(1) यह खेल दो दलों के मध्य खेला जाता है, जिसमें एक गोल कीपर होता है।
(2) अधीक्षक के रूप में रैफरी तथा 2 लाइटमैन होते हैं।
(3) खेल का समय 90 मिनट होता है, जो 45-45 मिनट के दो भागों में खेला जाता है। बीच में 10 मिनट का मध्यान्तर होता है।
(4) गेंद गोल होती है, जिसका बाहरी भाग चमड़े का होता है। गेंद की परिधि 28 से 27 तक होती है। गेंद का भार 14 औंस से 16 औंस तक होता है।
(5) खिलाड़ी अपनी पोशाक में ऐसी कोई वस्तु धारण नहीं करेंगे, जो दूसरों के लिए घातक हों।
(6) खेल का प्रारम्भ टॉस जीतने पर होगा। टॉस जीतने वाली टीम को कैप्टन किक ऑफ या साइड का निर्णय रैफरी को बता देगा।
(7) रैफरी द्वारा संकेत मिलते ही खिलाड़ी द्वारा अपने विपक्षी अर्द्ध क्षेत्र में किक ऑफ लेकर खेल प्रारम्भ किया जायेगा ।
प्रत्येक खिलाड़ी अपने क्षेत्र में रहेगा तथा किक ऑफ के विपक्षी दल का प्रत्येक खिलाड़ी किक ऑफ से पहले कम से कम 10 गज दूर से जब तक वह गेंद अपनी पूरी दूरी न कर ले, तब वह खेल में नहीं मानी जायेगी। किक ऑफ गेंद पर दुबारा प्रहार नहीं किया जायेगा, तब तक कि दूसरे खिलाड़ी द्वारा उसे खेल न लिया जाये।
(8) यदि कोई खिलाड़ी खेल के समय गेंद की अपेक्षा विपक्षी की गोल रेखा के समीप चला जाये तो वह प्रत्येक क्षेत्र के परे माना जायेगा।
(9) जब गेंद साइड लाइन अथवा गोल लाइन को पार कर जाती है तो आउट ऑफ प्ले हो जाती है।
(10) जब गेंद बिना नियमों का उल्लंघन किये गोल लाइन को पार कर जाती है तो गोल हो जाता है ।
(11) गोल हो जाने पर विपक्षी दल द्वारा मध्य किक ऑफ द्वारा खेल आरम्भ किया जाता है।
(12) यदि गेंद विपक्षी दल को छूती हुई गोल लाइन के बाहर जाती है तो अक्रामक दल को कॉर्नर किक मिलता है।
(13) फ्री किक दो प्रकार का होता है— पहला सीधा तथा दूसरा परोक्षा खेल के नियम का उल्लंघन होने पर पैनल आफैन्स के होने पर सीधा फ्री किक दिया जाता है।
(14) विपक्षी दल द्वारा अपने पैनल्टी एरिया के अन्दर पैनल आफैन्स किये जाने पर पैनल्टी किक प्रदान की जाती है ।
(15) विपक्षी को पकड़ लेना, विपक्षी को मारना, विपक्षी को धक्का देना, विपक्षी को किक लगाना, गिरा देना एवं गेंद को हाथ से पकड़ना आदि पैनल आफैन्स कहलाते हैं। पैनल आफैन्स के कारण ही पैनल्टी किक प्रदान की जाती है।
(16) यदि किसी खिलाड़ी को विपक्षी द्वारा गेंद खेलने से रोका जाता है तो उसको डाइरेक्ट किक दी जाती है ।
(17) जिस दल के अधिक गोल बने होते हैं, उसे ही विजयी घोषित कर दिया जाता है।
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