भारत में जनसंख्या वृद्धि से किस प्रकार भूमि का ह्रास हो रहा है ? उन्हें रोकने के लिए सहयाद लें।
भारत में जनसंख्या वृद्धि से किस प्रकार भूमि का ह्रास हो रहा है ? उन्हें रोकने के लिए सहयाद लें।
उत्तर ⇒ भारत का जनसख्याम लगातार वाद्ध स प्रातव्यक्ति भमि कम पानी जा रही है। कल-कारखानों के बढ़ने तथा नगरों के विकास से भी भूमि का ह्रास हआ है। वन क्षेत्र घटता जा रहा है। चरागाह भी समाप्त होते जा रहे हैं। का फैलाव बढ़ता जा रहा है। इसलिए भूमि के हास को रोकना जरूरी हो गया है।
अधिक सिंचाई से भी समस्या उत्पन्न हो रही है। जल जमाव के कारण निचली भमि बेकार हो जाती है। गुजरात में नमक के प्रभाव से ऊँची भूमि खेती के लायक नहीं रह गयी है। हिमाचल प्रदेश बर्फ के जमाव के कारण राज्य का चौथाई भाग खेती के योग नहीं है। भूमि के कटाव से भी भूमि-क्षेत्र घटता जा रहा है। पहाड़ी ढालों पर वर्षा जल से, शुष्क क्षेत्रों में वायु अपरदन से भी भूमि का ह्रास होता जा रहा है।
भूमि-हास को रोकने के लिए निम्नांकित सुझाव दिए जाते हैं –
(i) उपजाऊ भूमि को गैर कृषि कार्य में न उपयोग किया जाए।
(ii) जनसंख्या वृद्धि दर में कमी लायी जाए।
(iii) पहाड़ी भागों में सीढ़ीनुमा खेत बनाकर और वृक्षारोपन करके भूमि क्षरण को रोका जाय।
(iv) मरुस्थल की सीमावर्ती क्षेत्र में झाड़ियाँ लगाकर मरुभूमि के प्रसार को रोका जाए।
(v) कारखानों के आसपास औद्योगिक कचरों को फैलाने से रोका जाए।
(vi) देश में उद्योग का विकास किया जाए इससे कृषि भूमि पर पड़ रहे बोझ को कम किया जा सकता है।
(vii) प्राकृतिक आपदा से देश की रक्षा की जाए।
(viii) वायु अपरदन को रोकने के लिए पशुचारण पर रोक लगाना चाहिए।