मानसिक / मस्तिष्क उद्लन शिक्षार्थी के लिए कैसे उपयोगी है ? मानसिक उद्वलेन की सीमाओं की विवेचना कीजिए।

मानसिक / मस्तिष्क उद्वेलन शिक्षार्थी के लिए कैसे उपयोगी है ? मानसिक उद्वलेन की सीमाओं की विवेचना कीजिए।

उत्तर— मानसिक उद्वेलन के उपयोग—
(1) विद्यार्थी रटे-रटाए ज्ञान की अपेक्षा स्वयं के प्रयत्नों से सीखते हैं ।
(2) इसमें विद्यार्थी समूह में कार्य करते हैं जिससे उनमें विभिन्न सामाजिक गुणों जैसे- परस्पर सहयोग एक-दूसरे के विचारों का आदर, सहनशीलता आदि का विकास होता है ।
(3) इस विधि के प्रयोग के दौरान विद्यार्थी विभिन्न मानसिक प्रक्रियाओं से गुजरते हैं, वे विभिन्न विचारों के विषय में सोचने, विचारने, विश्लेषण करने और निष्कर्ष निकालने का काम करते हैं। इस प्रकार उनमें उच्च स्तर के ज्ञानात्मक कौशलों का विकास होता है ।
(4) इस विधि का सबसे मुख्य लाभ यह है कि यह विद्यार्थियों में सृजनात्मकता को विकसित करती है। मस्तिष्क – उद्योलन सत्र में चिंतन-स्तर का स्तर होता है। विद्यार्थी विभिन्न विचार के द्वारा नवीनता, मौलिकता, समस्या समाधान आदि का प्रदर्शन करते हैं।
मस्तिष्क उद्वेलन की सीमाएँ—
(1) इस विधि की सबसे पहली कमी यह है कि सत्र के दौरान सभी प्रतिभागी एक जैसी तत्परता व रुचि दिखाए यह सम्भव नहीं है।
(2) ज्ञानात्मक और भावनात्मक उद्देश्यों की प्राप्ति के यदि उचित अवसर मस्तिष्क- उद्योलन के दौरान नहीं मिलती है तो इससे विद्यार्थियों का समय व शक्ति व्यर्थ जाएगी ।
(3) मस्तिष्क-उद्योलन सत्र के दौरान ऐसी परिस्थिति भी आ सकती है कि विद्यार्थी विचार प्रस्तुत करने को आगे न आएँ। इस परिस्थिति में यह विधि नाकाम हो सकती है।
(4) सत्र के दौरान विभिन्न प्रतिभागियों के एक-दूसरे द्वारा दिए गए मत या विचार पर असहमति होने पर निष्कर्ष निकालना मुश्किल हो सकता है।
(5) समस्या समाधान के लिए आवश्यक मानसिक स्तर को लेकर प्रतिभागियों में मानसिक स्तर व कौशलों को लेकर अन्तर हो सकता है। इसके कारण सामूहिक शिक्षण-अधिगम उद्देश्यों की प्राप्ति में बाधा आ सकती है।
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