कक्षा-कक्ष शिक्षण में प्रश्न करने की भूमिका की व्याख्या कीजिए ।

 कक्षा-कक्ष शिक्षण में प्रश्न करने की भूमिका की व्याख्या कीजिए । 

                                               अथवा
प्रश्न पूछने के उद्देश्य क्या हैं ?
उत्तर— कंक्षा-कक्ष शिक्षण में प्रश्नीकरण– पाठ्य सामग्री पढ़ाते समय शिक्षक कक्षा में कई प्रकार के व्यवहार करता है जैसे व्याख्या करना, पुनर्बलन प्रदान करना, छात्रों से क्रियायें करवाना आदि। इसी प्रकार प्रश्न पूछना भी शिक्षक का एक महत्त्वपूर्ण कार्य है। शिक्षक का कोई भी व्यवहार जो शिक्षण से सम्बन्धित है, उसे सम्पादित करने हेतु प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। प्रशिक्षण से कार्य सम्पादन में कुशलता का विकास होता है। प्रश्न पूछना भी कला है, अतः एक शिक्षक के लिये प्रश्न कौशल का ज्ञान आवश्यक है। प्रश्न कैसे बनाने चाहिये ? कक्षा में प्रश्न पूछते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिये ? आदि ।
शिक्षण में प्रश्न की भूमिका (Role of Question in Teaching) शिक्षण प्रक्रिया के समय शिक्षक छात्रों से प्रायः प्रश्न पूछता है। शिक्षक द्वारा छात्रों से प्रश्न पूछने के कई प्रयोजन होते हैं। शिक्षक प्रश्नों के द्वारा छात्रों को अधिगम के लिये प्रेरित करता है, कभी वह जाँच करता है कि छात्र विषयवस्तु को समझ रहे हैं या नहीं। कभी वह प्रश्नों के माध्यम से पुनरावृत्ति करता है। तात्पर्य यह है कि प्रश्न शिक्षण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं । निम्नलिखित बिन्दु प्रश्नों के महत्त्व को दर्शाते हैं—
(i) प्रश्न छात्रों में उत्सुकता व कौतूहल बढ़ाते हैं, जिससे वे अधिगम में अधिक रुचि लेते हैं ।
(ii) प्रश्न छात्रों में चिन्तन की प्रवृत्ति को बढ़ाते हैं, जिससे छात्र सक्रियता से अधिगम करते हैं ।
(iii) प्रश्न के माध्यम से शिक्षक छात्रों के ध्यान को किसी बिन्दु पर आकर्षित करता है ।
(iv) प्रश्न छात्रों द्वारा अर्जित ज्ञान का मूल्यांकन करने में सहायता प्रदान करते हैं ।
(v) छात्रों में मूल्यांकन क्षमता का विकास होता है, जिससे वे कक्षा में दिये गये उत्तरों का मूल्यांकन कर पता लगाते हैं कि उत्तर किस सीमा तक गलत या सही है ?
(vi) प्रश्नों के माध्यम से शिक्षक व छात्रों के बीच अंतः क्रिया में वृद्धि होती है ।
(vii) प्रश्न व्यक्तिगत शिक्षण में सहायक हैं। प्रश्नों के द्वारा व्यक्तिगत कठिनाइयों का पता लगाया जा सकता है और भ्रम निवारण भी किया जा सकता है।
(viii) प्रश्न छात्रों की अभिव्यक्ति में सहायक हैं। छात्र उत्तर देते समय विचारों को तर्कपूर्ण व क्रमबद्ध रूप से संगठित करता है और अन्य छात्रों के समक्ष प्रस्तुत करने में योग्यता विकसित करता है ।
(ix) प्रश्नों के कारण ही शिक्षण छात्रों को पुनर्बल करते हैं । प्रदान
(x) प्रश्नों के द्वारा ही शिक्षक को ज्ञात होता है कि दिशा में अधिगम कर रहे हैं या नहीं। छात्र सही
उक्त विवरण से स्पष्ट है कि प्रश्नों का शिक्षण में महत्त्वपूर्ण स्थान है और प्रश्न शिक्षण को प्रभावी बनाते हैं।
प्रश्न पूछने के उद्देश्य– प्रश्न पूछने के उद्देश्य निम्न हैं—
(1) शिक्षण में प्रश्न की भूमिका समझा सकेंगे।
(2) प्रश्न कौशल को परिभाषित कर सकेंगे।
(3) प्रश्न कौशल के घटकों को सूचीबद्ध कर सकेंगे।
(4) प्रश्नों की संरचना सम्बन्धी घटकों की उदाहरण द्वारा व्याख्या कर सकेंगे।
(5) विभिन्न स्तर के प्रश्नों में अन्तर स्पष्ट कर सकेंगे।
(6) प्रश्नों की संरचना में ध्यान में रखने वाला सावधानियों को उदाहरण द्वारा समझा सकेंगे ।
(7) कक्षा में प्रश्न पूछने सम्बन्धी घटकों की व्याख्या कर सकेंगे ।
(8) कक्षा में प्रश्न पूछते समय ध्यान में रखने वाली बातों को सूचीबद्ध कर सकेंगे।
(9) प्रश्न कौशल हेतु पाठ योजना बना सकेंगे
(10) प्रश्न कौशल पाठ का मूल्यांकन कर सकेंगे ।

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