विभव और विभवांतर पदों की व्याख्या कीजिए।
विभव और विभवांतर पदों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर ⇒ प्रत्येक आवेश अपने चारों ओर प्रभाव क्षेत्र बनाता है। आवेश के नजदीक वाले क्षेत्र में प्रभाव अधिक और दूर वाले क्षेत्र में प्रभाव कम होता है। आवेश की इसी प्रभाव को मापने के लिए विभव शब्द का प्रयोग किया गया है।
किसी आवेश के कारण दूर के बिन्दु पर विभव शून्य और समीप के बिन्दु पर विभव अधिक होता है। माना कि कोई आवेश Q से कुछ दूरी पर एक बिन्दु P पर कोई इकाई आवेश है। अब इस इकाई आवेश को अनंत से P बिन्दु तक लाया जा रहा है। इकाई आवेश को अनंत से P बिन्दु तक लाने में आवेश Q से इस इकाई आवेश पर बल लगता रहता है। इकाई आवेश को अनंत से P बिन्दु तक लाने में इस विद्युत बल के विरुद्ध कुछ कार्य करना पड़ता है। इसी कार्य को P बिन्दु का विभव कहा जाता है।
अतः किसी बिन्दु P का विभव इकाई धन आवेश को अनंत से उस बिन्दु तक लाने में किया गया कार्य है।
अगर किसी चालक तार की दो सिरों के बीच का विभवांतर 10 वोल्ट हो तो इकाई धन आवेश को तार के एक सिरे से दूसरे सिरे तक लाने में 10 जल कार्य करना होगा। यदि दो बिन्दुओं के बीच इकाई आवेश कूलंब ले जाने में । जल का कार्य होता है तो दोनों बिन्दुओं के बीच का विभवांतर 1 वोल्ट होगा।
SI पद्धति में विभवांतर की इकाई भी जुल/कूलंबअर्थात बोल्ट होगा ।सेल या बैटरी एक ऐसी ही युक्ति है जो बिधुत के बीच विभवांतर पैदा करता है।