शहरी जीवन में किस प्रकार के सामाजिक बदलाव आए ?

शहरी जीवन में किस प्रकार के सामाजिक बदलाव आए ?

उत्तर ⇒ शहरी जीवन के कारण विभिन्न प्रकार के सामाजिक बदलाव आए, जो निम्नलिखित हैं

(i) शहरों में ‘सामूहिक पहचान’ के सिद्धांत को बढ़ावा मिला। ये समूह विभिन्न प्रजातियों, नृजातियों, जातियों, प्रदेश, क्षेत्रीयता का प्रतिनिधित्व करते हैं। कम स्थान में विभिन्न प्रकार के लोगों के रहने से पहचान की भावना बढ़ती है।

(ii) शहरीकरण के कारण शहरों में नए सामाजिक समूह बने। ये समूह व्यावसायिक थे जैसे बुद्धिजीवी, नौकरी पेशा समूह, राजनीतिज्ञ, चिकित्सक, व्यापारी इत्यादि। व्यवसायी वर्ग नगरों के उदय का एक प्रमुख कारण बना।

(iii) शहरीकरण के कारण समाज के नये मध्यमवर्ग का उदय हुआ। यह वर्ग पढ़ा-लिखा था। इसके अधिकांश सदस्य या तो नौकरी पेशा से संबंधित थे अथवा स्वतंत्र व्यवसाय में कार्यरत थे—जैसे वकील, डॉक्टर, लिपिक इत्यादि। ये नये सामाजिक परिवर्तनों को अपनाकर इनका प्रसार करते थे। समाज पर इनका व्यापक प्रभाव था।

(iv) शहरीकरण के कारण समाज में पूँजीपति वर्ग का भी उदय हुआ। अपनी पूँजी के आधार पर ये उद्योगों को नियंत्रित करते थे। आर्थिक उन्मुक्तवाद की नीति का लाभ उठाकर इन लोगों ने अपार धन संग्रह किया था। ये मजदूरों का शोषण करते थे। इसलिए धीरे-धीरे इनके विरुद्ध मजदूरों में प्रतिक्रिया हुई और मजदूर आंदोलन हुए।

(v) शहरी जीवन ने श्रमिकों के जीवन स्तर में भी काफी बदलाव लाए । कारखानों और उद्योगों में रोजगार की तलाश में गाँवों से आकर बड़ी संख्या में भूमिहीन किसान और मजदूर शहरों में बसने लगे। इनके श्रम पर ही औद्योगिक इकाइयाँ चली। परंतु पूँजीपतियों ने श्रमिकों का शोषण किया। फलतः श्रमिक संगठित हुए और श्रमिक संघों की स्थापना की गई। श्रमिकों ने अपनी मांगों की पूर्ति के लिए समय-समय पर हड़ताल किये। इस प्रकार हड़ताल और श्रमिक आंदोलन आधुनिक शहरों की विशेषता बन गई। शहरी जीवन ने औरतों के प्रति सोच में भी काफी बदलाव लाया। औरतों ने भी मताधिकार की माँग अथवा विवाहित स्त्रियों को संपत्ति में अधिकार देने के लिए आंदोलन चलाया।

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