स्टेन्सिल क्या है? इसकी छापने की प्रक्रिया का विस्तारपूर्वक उल्लेख कीजिए।

स्टेन्सिल क्या है? इसकी छापने की प्रक्रिया का विस्तारपूर्वक उल्लेख कीजिए।

उत्तर— स्टेन्सिल–स्टेन्सिल किसी आकृति की इकाई को नियंत्रित दिशा में दोहराने की एक अनुकृति है। यह क्रियाकलाप किसी आकृति को छापने के लिए उच्च क्षमता और योग्यता (क्रिया-कलाप कर्ता में आवश्यक रूप से होनी चाहिए।
स्टेन्सिल एक उपकरण है जिसके माध्यम से आकृति या लेख को सौन्दर्यात्मक व प्रभावशाली रूप से छापा जाता है। इसके द्वारा आकृति, अक्षर, अंक और वर्णमाला आदि की छपाई की जाती है।
स्टेन्सिल निम्न प्रकार की होती हैं—
(i) फाइल टाइप स्टेन्सिल
(ii) आकृति स्टेन्सिल
(iii) अक्षर स्टेन्सिल
(iv) अंक व प्रतीक स्टेन्सिल
(v) भाषा वर्णमाला स्टेन्सिल
स्टेन्सिल गत्ता, कॉर्टेज शीट या ड्राइंग शीट, प्लास्टिक अथवा धातु की बनी होती है।
स्टेन्सिल : आवश्यक उपकरण एवं सामग्री–स्टेन्सिल में सर्वप्रथम उस आवश्यक सामग्री की जरूरत होती है, जिसके माध्यम से स्टेन्सिल का निर्माण किया जा सके। इसके लिए गत्ता, कॉर्टेज शीट या ड्राइंग शीट, प्लास्टिक अथवा धातु की प्लेट, चाकू, पेंसिल, पानी के रंग, स्केच पेन आदि आवश्यक उपकरण एवं सामग्री की आवश्यकता होती है ।
स्टेन्सिल तैयार करना–कार्य की सुगमता व सहजता के लिए व्यक्तिगत स्टेन्सिल उपयोगी होती है। किसी वस्तु के सजाने में स्टेन्सिल का प्रयोग अति महत्त्वपूर्ण है ।
स्टेन्सिल निर्माण करने की विधि में किसी गत्ते या मोटे कागज पर मनोवांछित आकृति (उभार कर, रेखाचित्र बनाकर) बना ली जाती है और उचित स्थानों पर छाईयाँ छोड़कर ब्लेड था चाकू के माध्यम से काट लिया जाता है। उसके पश्चात् कपड़े को तैयार करते हुए स्टेन्सिल के दोनों ओर लगाकर धूप में सुखा दिया जाता है। इस प्रकार स्टेन्सिल बन जाता है।
स्टेन्सिलिंग पर स्टेन्सिल छापने की प्रक्रिया–स्टेन्सिल निर्माण कर जिस वस्तु (ड्राइंग शीट, कपड़ा अथवा कार्टेज शीट) पर स्टेन्सिलिंग करना हो, उसके पृष्ठ भाग को ढक लेते हैं। स्टेन्सिल को स्थिर करने के लिए स्टेन्सिल पेपर को पिन की सहायता से बाँधते या स्टैपल करते हैं। इसके उपरान्त स्प्रे या सरल चित्रकारी स्टेन्सिल ब्रुश से की जाती है। स्टेन्सिल करने के लिए अंतिम भाग में रंग लगाया जाता है, जो गाढ़ा और पूर्ण मात्रा में डाला जाता है।
कागज पर छपाई के लिए पानी के रंग का प्रयोग किया जाना है, जबकि कपड़े पर छापने के लिए पक्के रंग फेब्रिक रंग का प्रयोग किया जाता है।
प्राय: स्टेन्सिल में आकार, अक्षर, प्रतीक वर्णमाला एवं पेपर मास्क इत्यादि को छापा जाता है। स्टेन्सिलिंग के उपरान्त स्टेन्सिल समतल पृष्ठों से पृथक् कर, स्टेन्सिल प्रिंट के किनारों को, स्कैच पेन के माध्यम से उभार कर और प्रभावशाली रूप प्रदान किया जाता है ।
स्टेन्सिलिंग करते हुए निम्न तथ्यों का विशेष रूप से ध्यान रखना) चाहिए—
(i) रंग करते हुए मात्र छंदों में ही रंग लगाना चाहिए ।
(ii) ब्रुश को पेपर स्टेन्सिल के किनारों पर रंग करते हुए दबाव देकर रंग करें। अन्यथा स्टेन्सिल के किनारे व्यर्थ हो जाते हैं।
(iii) स्टेन्सिल करने के उपरान्त स्टेन्सिल सावधानीपूर्वक पृथक् करना चाहिए जिसके द्वारा रंग फैलता नहीं है।
(iv) यदि किनारे खराब हो जाएँ तो अब उन्हें काटकर स्टेन्सिल ठीक करके ही प्रयोग करें अथवा नई स्टेन्सिल का ही प्रयोग करें।
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