कवि जनता के स्वप्न का किस तरह चित्र खींचता है ?
कवि जनता के स्वप्न का किस तरह चित्र खींचता है ?
उत्तर :- भारत की जनता सदियों से, युगों-युगों से राजा के अधीनस्थ रही है लेकिन कवि ने कहा है कि चिरकाल से अंधकार में रह रही जनता राजतंत्र को उखाड़ फेंकने के स्वप्न देख रही है। राजतंत्र समाप्त होगा और जनतंत्र कायम होगा। राजा नहीं बल्कि प्रजा राज करेगी। किसान, मजदूर राजसिंहासन के अधिकारी होंगे। इस तरह कवि ने जनतंत्र की नींव डालने, जनतंत्र के उदय होने के स्वप्न का यथार्थ चित्र खींचा है।
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