कोठारी कमीशन के अनुसार माध्यमिक शिक्षा के उद्देश्यों का विवेचना कीजिए ।
कोठारी कमीशन के अनुसार माध्यमिक शिक्षा के उद्देश्यों का विवेचना कीजिए ।
उत्तर— कोठारी कमीशन के अनुसार माध्यमिक शिक्षा के उद्देश्य—
(1) आयोग द्वारा निर्धारित माध्यमिक शिक्षा के उद्देश्यमाध्यमिक शिक्षा के उद्देश्य वर्तमान परिस्थिति तथा आवश्यकताओं को देखते हुए निम्न प्रस्तुत किये—
(i) मानवीय गुणों को विकसित करना– शिक्षा में विद्यार्थी की मनोवैज्ञानिक, सामाजिक एवं रचनात्मक आवश्यकताओं की पूर्ति करने की क्षमता होनी चाहिए। पाठ्यक्रम में साहित्य, विज्ञान, समाजशास्त्र, संगीत, शिल्पकला एवं संगीत आदि विषयों के अध्ययन की व्यवस्था होनी चाहिए। प्रत्येक बालक इस संसार में जन्मजात गुणों के साथ आता हैं तथा इन गुणों को विकसित करना तथा गुणों का प्रयोग करने की क्षमता प्रदान करना माध्यमिक शिक्षा का मुख्य कर्त्तव्य है।
(ii) आदर्श नागरिकों में जनतन्त्रात्मक भावना का विकास करना– किसी भी राष्ट्र की प्रगति उसके भावी नागरिकों पर निर्भर होती है। शिक्षा ऐसी हो कि देश के नागरिकों को भावी राष्ट्र स्तम्भ बना सके। विद्यार्थियों के अन्दर निर्भीकता, सहयोग, सहनशीलता, स्पष्टता एवं रचनात्मक भावना को उत्पन्न करना । आदर्श शिक्षा में आदर्श युग पुरुष बनाने की क्षमता होनी चाहिए। शिक्षा द्वारा छात्रों में सच्ची राष्ट्रीय भावना का बीजारोपण करें। विद्यार्थी अपने राष्ट्र की सामाजिक एवं सांस्कृतिक विशेषताओं की हृदय से सराहना करें। अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के समक्ष राष्ट्रीय हित को प्रधानता दें ।
(iii) जीविकोपार्जन की क्षमता उत्पन्न करना– मनुष्य के जीवन के लिए जीविका अनिवार्य है। पाठ्य- विषयों में जीविकोपार्जन की समस्याओं को हल करने वाले विषय रखे जाएँ जिससे आज के विद्यार्थी देश पर भार न रहें वे स्वयं अपनी जीविका को चला सकने में समर्थ हो ।
(iv) नेतृत्व की भावना जागृत करना– मानव में प्रकृतिदत्त प्रतिभा तथा अर्जित प्रतिभा होती है। आज का विद्यार्थी ही कल का नागरिक है । प्रजातन्त्रात्मक देश में छात्रों को योग्य नेता बनाना परमावश्यक है क्योंकि देश का भार इन्हीं छात्रों के कन्धों पर रहता है।
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