गति (Motion)

गति (Motion)

गति (Motion)

दैनिक जीवन में हम कुछ वस्तुओं को गतिमान अवस्था में देखते हैं जैसे टहलता हुआ व्यक्ति, चलती कारें, दौड़ती हुई रेलगाड़ियाँ आदि, जबकि कुछ वस्तुएँ विरामावस्था में होती हैं जैसे फर्नीचर, मकान, पेड़-पौधें आदि। दोनों स्थितियों में हम देखते हैं कि गति अवस्था में, वस्तु की स्थिति में समय के साथ परिवर्तन होता है, जबकि विरामावस्था में वस्तु की स्थिति में समय के साथ परिवर्तन नहीं होता है।
विराम (Rest)
यदि किसी वस्तु (object) की स्थिति (position) में समय के साथ कोई परिवर्तन नहीं होता है, तो वस्तु विरामावस्था में कहलाती है। उदाहरण मेज पर रखी एक किताब विराम अवस्था में है क्योंकि मेज के सापेक्ष किताब की स्थिति में समय के साथ परिवर्तन नहीं होता है।
गति ( Motion)
यदि किसी वस्तु की स्थिति में समय के साथ परिवर्तन हो रहा है, तो वस्तु गति अवस्था में कहलाती है। उदाहरण जल में तैरती मछली, सड़क पर दौड़ती कार या बस, पटरियों पर दौड़ती रेलगाड़ी, वायु में उड़ते पक्षी आदि।
◆ विराम तथा गति एक-दूसरे से सम्बन्धित हैं, क्योंकि कोई वस्तु एक ही समय में एक वस्तु के सापेक्ष विराम में, जबकि किसी दूसरी वस्तु के सापेक्ष गति में हो सकती है।
उदाहरण दो कारें एक ही दिशा में समान वेग से चल रही हैं, तब ये एक-दूसरे के सापेक्ष विराम में होती हैं, परन्तु पेड़-पौधों तथा सड़क पर चलते व्यक्तियों के सापेक्ष (relative) कारें गति में होती हैं।
वस्तुओं की गति के प्रकार (Types of Motion of Bodies) 
सामान्यतः वस्तुओं की गति तीन प्रकार की होती हैं
(i) सरलरेखीय तथा स्थानान्तरीय गति (Rectilinear and Translatory Motion) जब कोई कण एक सरल रेखा में गतिमान होता है, तो उसकी गति सरलरेखीय गति कहलाती है तथा जब एक वस्तु (कण नहीं) एक सीधी रेखा में गतिमान होती है, तो उसकी गति स्थानान्तरीय गति कहलाती है।
(ii) वृत्तीय तथा घूर्णन गति (Circular and Rotatory Motion) जब कोई कण किसी वृत्ताकार मार्ग पर गति करता है, तो उसकी गति वृत्तीय गति कहलाती है तथा जब कोई वस्तु किसी स्थिर अक्ष के परितः इस प्रकार गति करती है कि पिण्ड का प्रत्येक कण वृत्तीय पथ पर चलता है एवं समस्त वृत्तीय पथों का केन्द्र उसके अक्ष पर होता हैं, तो वस्तु की गति घूर्णन गति कहलाती है।
                                                                                             अथवा
जब कोई वस्तु (कण नहीं) एक निश्चित अक्ष के परितः (यह अक्ष वस्तु से भी गुजर गति सकता है) एक वृत्तीय पथ पर गति करती है, तो उसकी घूर्णन गति कहलाती है।
(iii) दोलनी तथा कम्पनिक गति (Oscillatory and Vibratory Motion) जब कोई वस्तु किसी निश्चित बिन्दु, के इधर-उधर गति करती है, तो उसकी गति कम्पनिक या दोलनी गति कहलाती है। दोलन करने वाली वस्तु का इसकी माध्य स्थिति के किसी भी ओर अधिकतम विस्थापन वस्तु का आयाम कहलाता है। दोलनी गति में, यदि आयाम बहुत कम है, तो उसकी गति कम्पनिक गति कहलाती है। उदाहरण घड़ी के लोलक की गति ।
एकविमीय, द्विविमीय तथा त्रिविमीय गति (One, Two and Three Dimensional Motion)
एकविमीय गति (One-Dimensional Motion) जब वस्तु की स्थिति (position) केवल एक दिशा में बदलती है तो वस्तु की गति एकविमीय गति कहलाती है।
                                                     या
जब कोई वस्तु एक सरल रेखा के अनुदिश गति करती है, तो उसकी गति एकविमीय गति कहलाती है।
द्विविमीय गति (Two-Dimensional Motion) जब वस्तु की स्थिति दो दिशाओं में बदलती है, तो वस्तु की गति द्विविमीय गति कहलाती है।
                                                   या
जब कोई वस्तु एक समतल में गति करता है, तो उसकी गति द्विविमीय गति कहलाती है।
त्रिविमीय गति (Three-Dimensional Motion) जब वस्तु की स्थिति तीन दिशाओं में बदलती है, तो वस्तु की गति त्रिविमीय गति कहलाती है।
                                                  या
जब कोई वस्तु अन्तरिक्ष में गति करती है, तो वस्तु की गति त्रिविमीय गति कहलाती है।
गति सम्बन्धी कुछ मूलभूत पद (Some Basic Terms Related with Motion) 
गति सम्बन्धी विभिन्न पद निम्न प्रकार हैं
निर्देश बिन्दु (Reference Point)
यदि किसी वस्तु की स्थिति एक निश्चित बिन्दु के सापेक्ष बदलती रहती है, तो उस बिन्दु को निर्देश बिन्दु या मूल बिन्दु कहते हैं।
◆ यदि किसी वस्तु की स्थिति निर्देश बिन्दु के सापेक्ष बदल रही हो, तो वस्तु गति अवस्था में होती है।
स्थिति (Position)
किसी निर्देश तन्त्र में किसी कण की मूल बिन्दु से दूरी उसकी स्थिति को प्रदर्शित करती है तथा मूल बिन्दु से कण तक, कण की दिशा में खींची गई रेखा कण की स्थिति सदिश (position vector) कहलाती है।
दूरी (Distance)
किसी गतिमान कण या वस्तु द्वारा किसी मार्ग पर चली गई कुल लम्बाई को वस्तु द्वारा चली गई दूरी कहते हैं। यह एक अदिश राशि है, इसका मात्रक मीटर होता है।
◆ स्वचलित वाहनों में लगा एक यन्त्र जो उनके द्वारा तय की गई दूरी को दर्शाता है, ओडोमीटर कहलाता है।
पथ की लम्बाई (Path Length)
किसी वस्तु द्वारा तय की गई पथ की प्रारम्भिक व अन्तिम स्थितियों के बीच की दूरी को पथ की लम्बाई कहते हैं।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
  • Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Facebook पर फॉलो करे – Click Here
  • Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Google News ज्वाइन करे – Click Here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *