“गमले-सा टूटता हुआ उसका ‘ग’/घड़े-सा लुढ़कता हुआ उसका ‘घ’ ” की व्याख्या कीजिए।

“गमले-सा टूटता हुआ उसका ‘ग’/घड़े-सा लुढ़कता हुआ उसका ‘घ’ ” की व्याख्या कीजिए।

उत्तर :- प्रस्तुत व्याख्येय पंक्तियाँ हमारी हिन्दी पाठ्य पुस्तक के ‘अक्षर-ज्ञान’ शीर्षक से उद्धृत हैं। प्रस्तुत अंश में हिन्दी साहित्य की समसामयिक कवयित्री अनामिका ने अक्षर-ज्ञान की प्रारंभिक शिक्षण-प्रक्रिया में संघर्षशीलता का मार्मिक वर्णन किया है। कवयित्री कहती हैं कि बच्चों को अक्षर-ज्ञान की प्रारंभिक शिक्षण-प्रक्रिया कौतुकपूर्ण है। एक चित्रमय वातावरण में विफलताओं से जुझते हुए अनवरत प्रयासरत आशान्वित निरंतर आगे बढ़ते हुए बच्चे की कल्पना की गई है । ‘ग’ को सीखना गमले की तरह नाजुक है जो टूट जाता है। साथ ही ‘घ’ घडे का प्रतीक है जिसे लिखने का प्रयास किया जाता है लेकिन लुढ़क जाता है। अर्थात् गमले की ध्वनि से बच्चा ‘ग’ सीखता है और ‘घड़े’ की ध्वनि से ‘घ’ सीखता है।

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Ajit kumar

Sub Editor-in-Chief at Jaankari Rakho Web Portal

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