गाँधीजी देशी भाषाओं में बड़े पैमाने पर अनुवाद-कार्य क्यों आवश्यक मानते थे ?

गाँधीजी देशी भाषाओं में बड़े पैमाने पर अनुवाद-कार्य क्यों आवश्यक मानते थे ?

उतर :- गाँधीजी का मानना था कि देशी भाषाओं में अनुवाद के माध्यम से किसी भी भाषा के विचारों को तथा ज्ञान को आसानी से ग्रहण किया जा सकता है। अंग्रेजी या संसार के अन्य भाषाओं में जो ज्ञान-भंडार पड़ा है, उसे अपनी ही मातृभाषा के द्वारा प्राप्त करना सरल है। सभी भाषाओं से ग्राह्य ज्ञान के लिए अनुवाद की कला परमावश्यक है। अत: इसकी आवश्यकता बड़े पैमाने पर है।

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