जातीय अस्मिता का लेखक किस प्रसंग में उल्लेख करता है और उसका क्या महत्व बताता है ?

जातीय अस्मिता का लेखक किस प्रसंग में उल्लेख करता है और उसका क्या महत्व बताता है ?

उत्तर :- साहित्य के विकास में जातियों की भूमिका विशेष होती है। जन समुदाय जब एक व्यवस्था से दूसरी व्यवस्था में प्रवेश करते हैं, तब उनकी अस्मिता नष्ट नहीं हो जाती । मानव समाज बदलता है और अपनी पुरानी अस्मिता कायम रखता है । जो तत्व मानव समुदाय को एक जाति के रूप में संगठित करते हैं, उनमें इतिहास और सांस्कृतिक परम्परा के आधार पर निर्मित यह अस्मिता का ज्ञान अत्यन्त ‘महत्वपूर्ण है। जातीय अस्मिता साहित्यिक परम्परा के ज्ञान का वाहक है।

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