जुलाई, 1830 की क्रांति का विवरण दें।
जुलाई, 1830 की क्रांति का विवरण दें।
उत्तर ⇒ जुलाई, 1830 में चार्ल्स- X (दशम) के स्वेच्छाचारी शासन के विरुद्ध फ्रांस में क्रांति की ज्वाला भड़क उठी। फ्रांस में वियना व्यवस्था के तहत क्रांति के पूर्व की व्यवस्था को स्थापित करने के लिए बूर्वो राजवंश को पुनर्स्थापित किया गया तथा लुई 18वाँ फ्रांस का राजा बना। उसने फ्रांस की बदली हुई परिस्थितियों को समझा और फ्रांसीसी जनता पर पुरातनपंथी व्यवस्था को थोपने का प्रयास नहीं किया। उसने प्रतिक्रियावादी तथा सधारवादी शक्तियों के मध्य सामंजस्य स्थापित करने का. प्रयास किया। उसने संवैधानिक सुधारों की घोषणा भी की। 1824 में उसकी मृत्यु के पश्चात् फ्रांस का राजसिंहासन चार्ल्स दशम को मिला। वह एक स्वेच्छाचारी तथा निरंकुश शासक था जिसने फ्रांस में उभर रही राष्ट्रीयता तथा जनतंत्रवादी भावनाओं को दबाने का कार्य किया। उसके द्वारा प्रतिक्रियावादी पोलिग्नेक को प्रधानमंत्री बनाया गया। पोलिग्नेक ने पूर्व में लुई 18वें द्वारा स्थापित समान नागरिक संहिता के स्थान पर शक्तिशाली अभिजात्य वर्ग की स्थापना तथा उसे विशेषाधिकारों से विभूषित करने का प्रयास किया। उसके इस कदम को उदारवादियों ने चुनौती तथा क्रांति के विरुद्ध षड्यंत्र समझा। प्रतिनिधि सदन एवं दूसरे उदारवादियों ने पोलिग्नेक के विरुद्ध गहरा असंतोष प्रकट किया। चार्ल्स-X ने इस विरोध को प्रतिक्रियास्वरूप 25 जुलाई, 1830 ई० को चार अध्यादेशों द्वारा उदार तत्त्वों का गला घोंटने का प्रयास किया। इन अध्यादेशों के विरुद्ध पेरिस में क्रांति की लहर दौड़ गई। 27-29 जुलाई तक जनता और राजशाही में संघर्ष होता रहा। इसे ही जुलाई क्रांति कहते हैं।