परिवारवाद और जातिवाद बिहार में किस तरह लोकतंत्र को प्रभावित करता है ?

परिवारवाद और जातिवाद बिहार में किस तरह लोकतंत्र को प्रभावित करता है ?

उत्तर- अधिकांश राजनीतिक दल एवं उनके नेता अपने परिवार एवं सगे-संबंधियों को राजनीति में लाने का प्रयास करती है। यही राजनीति में परिवारवाद है। वास्तव म यह लोकतंत्र को प्रभावित करता है। सामान्यतः प्रत्येक चुनाव में विशेष कर टिकट बटवारे के समय ऐसी परिस्थिति विशेष रूप से मुखरित होती है। हरेक दल के नेता अपने-अपने परिवार के भाई-भतीजे, रिश्ते-नाते के लिए पार्टी टिकट के बँटवारे में परवी करते नजर आते हैं। वास्तव में जनकल्याण अथवा जनसेवा की भावना से उनका कोई लेना देना नहीं होता है। राजनीतिक दल चुनाव के समय अपने कर्मठ कार्यकर्ताओं को दर किनार कर अपने परिवार को आगे बढ़ाते हैं। या सत्ता की प्राप्ति के बाद विभिन्न पदों पर आसीन करते हैं। कुछ दिनों पहले विधानसभा के उप-चुनाव में जनता दल (यू०) ने घोषणा की थी कि पार्टी कार्यकर्ताओं के रिश्तेदारों को टिकट नहीं दी जाएगी तो पार्टी में काफी बवाल मचा था।

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