पाठ्यक्रम की क्या आवश्यकता हैं ?

पाठ्यक्रम की क्या आवश्यकता हैं ?

उत्तर— विद्यालय में पाठ्यक्रम की आवश्यकता–शिक्षा की आवश्यकता और पाठ्यक्रम की आवश्यकता समान है लेकिन ऐतिहासिक समीक्षा से ज्ञात होता है कि ये आवश्यकताएँ बदलती रही हैं। इसलिए पाठ्यक्रम की आवश्यकता के कारण निम्नलिखित प्रकार हैं—
(1) ज्ञान प्राप्त करने के लिए अन्य जीवों से प्रमुख भिन्नता मानवीय ज्ञान की दृष्टि मानी जाती है ।
(2) प्रजातन्त्र में सामाजिक क्षमताओं का विकास करना। ऐसे नागरिकों को तैयार करना जो प्रजातन्त्र को नेतृत्व प्रदान कर सकें।
(3) छात्रों को व्यवसायों के लिये प्रशिक्षण देकर तैयार करना नई शिक्षा नीति की प्राथमिकता है।
(4) आम मानवीय गुणों के विकास के लिये शिक्षा में महत्त्व दिया जाता है। आत्मानुभूति का विकास किया जाये ।
(5) सामाजिक आवश्यताओं के लिये नागरिकों को तैयार करना तथा सौंदर्यानुभूति गुणों का विकास करना ।
(6) मानसिक पक्षों का प्रशिक्षण तथा विकास करने के लिये विभिन्न विषयों के शिक्षण से मानसिक पक्षों का प्रशिक्षण किया जाता है।
(7) व्यवसाय तथा नौकरियों के लिये तैयार करना । शिक्षा से नौकरियों के लिये तैयारी होती है।
(8) छात्रों में अभिरुचियाँ उत्पन्न करने के लिये। छात्रों की क्षमताओं के अनुरूप उनका विकास करना ।
(9) प्रमुख आवश्यकता आज जीने की है कि आज परिस्थितियों में जीवित रह सकें। इसके लिये प्रशिक्षण दिया जाये ।
(10) छात्रों को भावी जीवन के लिये तैयार कर सकें । शिक्षा भावी जीवन-यापन के लिये दी जाती है ।
(11) तकनीकी विकास तथा वैज्ञानिक आविष्कारों के लिये भी तैयार करना ।
शिक्षा एक सामाजिक प्रक्रिया है जो सामाजिक परिवर्तन एवं सामाजिक नियन्त्रण के लिये प्रभावी यन्त्र है । इसलिये समाज की राष्ट्र की भावी आवश्यकताओं एवं परिवर्तन के लिये पाठ्यक्रम का विकास करना प्रमुख आवश्यकता है।
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