प्रदर्शनी को परिभाषित कीजिए।
प्रदर्शनी को परिभाषित कीजिए।
उत्तर— प्रदर्शनी–कलाकार जब अपने चित्रों, मूर्तियों या किसी अन्य प्रकार की वस्तु को लोगों के सामने प्रदर्शित करता है उसे प्रदर्शनी कहते हैं।
कला प्रदर्शनी से कला-प्रेमी तो लाभान्वित होते ही हैं, नवोदित कलाकारों के लिए भी जो भावी समाज के कर्णधार हैं, वह कला-प्रेरणा का आधार बनती है।
कला प्रदर्शनी का आयोजन समाज में कला चेतना जगाता है। उसमें प्रदर्शित कृतियों को देखकर लोगों को आनन्द की अनुभूति होती है। वह कला को समाज के लिए बोधगम्य और अनुभव योग्य बनाती है। कला प्रदर्शनी लोगों में सौन्दर्य बोध जगाती है। कला शिक्षा के प्रति लोगों को आकर्षित करती है। अनेक लोग प्रदर्शनी में अपने बच्चों को लेकर आते हैं, अपना मनोरंजन करते हैं। अतः वह समय व्यतीत करने का भी एक स्वस्थ साधन है।
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