भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन में जनजातीय समूह की क्या भूमिका थी, वर्णन करें।

भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन में जनजातीय समूह की क्या भूमिका थी, वर्णन करें।

उत्तर ⇒ भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन में जनजातिय लोगों की प्रमुख भूमिका रही। 19 वीं शताब्दी की तरह 20 वीं शताब्दी में भी भारत के अनेक भागों में आदिवासी विद्रोह हुए। इन विद्रोहों में रम्पा विद्रोह, अलमरी विद्रोह, उड़ीसा का खोड़ विद्रोह, यह 1914 से 1920 तक चला। 1917 में मयूरभंज में संथालों ने एवं मणिपुर में ‘पोडोई कुकियों’ ने विद्रोह किया था। 1930 में सविनय अवज्ञा आन्दोलन के समय पश्चिमोत्तर प्रांत का जनजातियों ने तीव्र राष्ट्रवादी भावना दिखायी। दक्षिण बिहार के आदिवासियों ने भी राष्ट्रीय चेतना का परिचय दिया। इस प्रकार भारत के कोने-कोने से आदिवासी जनता ने समय – समय पर राष्ट्रीय आन्दोलन में भाग लिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *