माध्यमिक स्तर पर मौखिक अभिव्यक्ति शिक्षण किस प्रकार किया जा सकता है ?

माध्यमिक स्तर पर मौखिक अभिव्यक्ति शिक्षण किस प्रकार किया जा सकता है ? 

उत्तर— माध्यमिक कक्षाओं में मौखिक कार्य तीन अलग-अलग रूपों और उद्देश्यों से होता है—

(1) पाठ्य पुस्तक के साथ– पाठ्य पुस्तक पढ़ाते समय इसका | उद्देश्य पाठ्य-पुस्तक के विषय को स्पष्ट करना, शब्दों के भण्डार में वृद्धि करना तथा शब्द और वाक्य के निर्माण में सहायता देना है। छात्रमौखिक भाषा का प्रयोग करके भाषा को व्यावहारिक बनाता है।
(2) बच्चों को स्वतंत्र मौखिक कार्य देना– स्वतंत्र कार्य देने का उद्देश्य होता है बोलने की कला से उन्हें परिचित कराना । इसके लिए आवश्यक है कि बालकों का उच्चारण शुद्ध हों । ह्यस्व और दीर्घ में क्या अन्तर है, इसे वे समझें । शब्द और अक्षर का ही नहीं वरन् उनके बोलने के वाक्य भी शुद्ध हों। अपनी बात कहने के साथ ही बच्चे दूसरों की बातों को भी सुनें। दूसरों की बातें सुनने से भी नये शब्दों का ज्ञान होता है।
(3) लिखित कार्य की तैयारी करना– मौखिक कार्य के द्वारा लिखित कार्य की तैयारी करना भी मौखिक कार्य का उद्देश्य है। माध्यमिक कक्षाओं में लिखित कार्य के पहले कुछ मौखिक कार्य किये जाते हैं। इसका उद्देश्य लिखित कार्य को रोचक, सोद्देश्य और सुगम बनाना है। लिखित कार्य की अशुद्धियाँ मौखिक ढंग से पहले ही दूर कर दी जाती है। लिखते समय बच्चे अनेक शब्दों की वर्तनी, अशुद्धि करते हैं । इन अशुद्धियों को मौखिक ढंग से दूर किया जा सकता है।
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