मौन पठन का महत्त्व बताइये ।

मौन पठन का महत्त्व बताइये ।

उत्तर— मौन पठन का महत्त्व निम्न हैं—
(1) मौनवाचन में एकाग्रचित्त होकर पढ़ने से स्वाध्याय की आदत डाली जा सकती है दिन-रात रहने के बजाए एकाग्रचित्त होकर थोड़ी देर पढ़ना ही अधिक लाभदायक है।
(2) मौन वाचन विद्यार्थी को अर्थबोध व संक्षेपीकरण की कला में दक्ष बनाता है।
(3) मौन रहकर यदि पत्र-पत्रिकाओं, पुस्तकों का अध्ययन किया जाये तो पढ़ने और समझने की गति में तीव्रता आ जाती है।
(4) मौन वाचन में सस्वर वाचन की अपेक्षा थकान कम होती है क्योंकि बोलने व उच्चारण करने में शक्ति नहीं लगती  है।
(5) मौन वाचन में सस्वर वाचन की अपेक्षा कम समय में अधिक अध्ययन किया जा सकता है जिससे समय की बचत होती है।
(6) मौन पाठ के सतत् अभ्यास से पढ़ते-पढ़ते बालक विचार शक्ति का प्रयोग करना तथा सार ग्रहण करना सीख जाता है।
(7) मौन वाचन से अध्यन की लालसा बढ़ती है। सस्वर वाचन की अपेक्षा मौनवाचन की गति दुगुनी होती है। धीरे-धीरे गति इतनी बढ़ जाती है कि कुछ लोग 500 पृष्ठ का उपन्यास एक दिन में पूरा पढ़ लेते हैं।
(8) मौन वाचन का अभ्यास हो जाने पर छात्रों को गृहकार्य देने में सरलता हो जाती है।
(9) सार्वजनिक स्थानों तथा रेल एवं बस में यात्रा करते वक्त मौन वाचन ही किया जा सकता है, नहीं तो सस्वर वाचन करने से एक प्रकार की अव्यवस्था उत्पन्न हो जाएगी।
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