अनुभव केन्द्रित पाठ्यक्रम से आप क्या समझते हैं?

अनुभव केन्द्रित पाठ्यक्रम से आप क्या समझते हैं?  

उत्तर— अनुभव केन्द्रित पाठ्यक्रम—कुछ विद्वानों का कथन है कि अनुभवों से लाभ उठाना ही अधिगम है। इसलिए हमें चाहिये कि छात्रों को अधिक से अधिक अनुभव प्रदान करें जिससे वे उनसे लाभ उठा सकें। इसके लिए हमारा पाठ्यक्रम ऐसा होना चाहिए जो छात्रों को विविध क्षेत्रों से सम्बन्धित व्यापक अनुभव प्रदान करने में सक्षम हो ।

ऐसा पाठ्यक्रम जो बालक के व्यक्तित्व का विकास अनुभवों को समृद्ध बनाकर करता है, अनुभव – केन्द्रित पाठ्यक्रम कहलाता है। एक लेखक ने इसे परिभाषित करते हुए लिखा है, “वह पाठ्यक्रम जो ज्ञान, अभिरुचियों, रुचियों तथा शलाध्य के समृद्ध तथा भिन्न-भिन्न प्रकार के अनुभव प्रदान करता है, अनुभव पाठ्यक्रम कहलाता है। “
सेलर तथा अलेक्जेंडर के अनुसार, “अनुभव-आधारित पाठ्यक्रम वह है जिसमें अधिगम अनुभव की इकाइयाँ छात्रों के द्वारा शिक्षक के निर्देशन में स्वयं चुनी तथा योजनाबद्ध की जाती है । “
जॉन डीवी के अनुसार अनुभव तथा ज्ञान क्रिया के परिणाम हैं। डीवी ज्ञान तथा अनुभव में कोई अन्तर नहीं मानता है। उसके अनुसार ज्ञान अनुभव से प्राप्त होता है और अनुभव स्वयं करके प्राप्त होता है इसलिये पाठ्यक्रम अनुभव प्रधान होना चाहिये । मनुष्य किसी भी परिसिथति में रहे, परिस्थितियों में क्रिया करते हुए ही मनुष्य अनुभव प्राप्त करता है और यह भी सत्य है कि एक अनुभव दूसरा, दूसरा तीसरे को और इसी प्रकार आगे के अनुभव हमें प्राप्त होते रहते हैं। प्रत्येक अनुभव हमें आगे के अनुभव प्राप्त करने में सहायता करता है। अतः पाठ्यक्रम का उद्देश्य बालकों को अधिक-से-अधिक अनुभव प्रदान करना होना चाहिये ।
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