लौह-अयस्क का वर्गीकरण एवं उनकी विशेषताओं को लिखिए।

लौह-अयस्क का वर्गीकरण एवं उनकी विशेषताओं को लिखिए।

उत्तर ⇒ लौह-अयस्क में उपस्थित लौहांश की मात्रा के आधार पर लौह अयस्क को तीन भागों में वर्गीकृत किया जाता है-

(i) हेमेटाइट (ii) मैग्नेटाइट. (i) लिमोनाइट .

(i) हेमेटाइट- इस लौह-अयस्क में लौहांश सबसे अधिक 70% तक पाया । जाता है। इससे लकीर खींचने पर लाल उगता है जिसके कारण इसे लाल अयस्क भी कहा जाता है। भारत में लगभग 12,317 मिलियन टन इसका भंडार उपलब्ध है।

(ii) मैग्नेटाइट- इसमें लौहांश की मात्रा 60% होती हैं। घिसने पर काला रंग दिखता है। अतः इसे काला अयस्क के नाम से जाना जाता है। भारत में इसके 540 मिलियन टन भंडार उपलब्ध हैं।

(iii) लिमोनाइट- यह सबसे घटिया किस्म का लौह-अयस्क है जिसमें लौहांश की मात्रा 40% से भी कम होता है। इसे पीला अयस्क के नाम से जाना जाता है। भंडार का आकलन उपलब्ध नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *