व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले कारकों का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।

व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले कारकों का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।

उत्तर—  व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं—
(1) वंशानुक्रम का प्रभाव — व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक क्षमताओं पर माता-पिता एवं परिवार का प्रभाव रहता है, व्यक्तित्व पर इसका प्रभाव पड़ता है।
(2) शारीरिक रचना का प्रभाव – व्यक्ति गोलाकृति, आयताकृति, लम्बाकृति के होते हैं तद्नुकूल उनका व्यक्तित्व होता है।
(3) जैविक कारकों का प्रभाव – व्यक्ति की नलिका विहीन ग्रन्थियों, अन्त:स्रावी ग्रन्थियों और शारीरिक रसायन का व्यक्तित्व पर प्रभाव पड़ता है।
(4) मनोवैज्ञानिक प्रभाव – व्यक्ति के चेतन, अचेतन, अर्धचेतन मन में कौनसा मन सक्रिय है इसका प्रभाव व्यक्तित्व पर पड़ता है।
(5) संवेगात्मक परिपक्वता — क्रोध, मद, मोह, भय आदि संवेगों की परिपक्वता व्यक्तित्व को प्रभावित करती है।
(6) मानसिक क्षमता का प्रभाव – व्यक्ति मानसिक रूप से कितना सक्रिय है, इसका प्रभाव पड़ता है।
(7) रुचि का प्रभाव – प्रत्येक व्यक्ति की अपनी रुचियाँ होती हैं तद्नुकूल वह कार्य करना चाहता है, ये रुचियाँ व्यक्ति के व्यक्तित्व को प्रभावित करती हैं।
(8) अभिप्रेरणा का प्रभाव – रुचि अभिप्रेरणा का स्रोत है अभिप्रेरणा के कारण ही व्यक्ति अपने जीवन के लक्ष्य चुनता है। तद्नुकूल कार्य करता है।
(9) मनोरंजन के साधनों का प्रभाव – समाज के गीत, संगीत, फिल्म आदि व्यक्ति को प्रभावित करते हैं।
(10) शिक्षण संस्था का प्रभाव-वर्तमान में अच्छी शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश की प्रतिद्वन्दिता है। अच्छी संस्थाएँ बालक के व्यक्तित्व के पूर्ण विकास पर बल देती हैं।
(11) धार्मिक संगठनों का प्रभाव – वर्तमान में अनेक धार्मिक संगठन हैं जो अपने विचारों के अनुकूल व्यक्ति के विचारों को परिमार्जित करते हैं।
(12) वातावरण का प्रभाव – वाटसन का मत थाकोई से 12 बच्चे दे दो उन्हें मैं चोर, लुटेरा, इंजीनियर, डॉक्टर, प्रशासक एवं वैज्ञानिक बना दूँगा।
(13) आर्थिक परिस्थितियों का प्रभाव – व्यक्तित्व निर्माण में आर्थिक परिस्थिति का योगदान है। अच्छी आर्थिक स्थिति वाले व्यक्ति बन ठन के रहते हैं। इसके विपरीत कमजोर आर्थिक स्थिति वाले अपनी वेशभूषा पर ध्यान नहीं देते।
(14) सामाजिक वातावरण का प्रभाव – मेला, तमाशे, सामाजिक मेल-जोल के अवसर व्यक्ति के पारस्परिक सम्बन्धों में परिपक्वता लाते हैं जिससे व्यक्ति समाज के साथ समायोजित करते हैं ।
(15) परिवार का प्रभाव – परिवार एकांकी व सम्मिलित परिवार है। एकांकी परिवार में माता-पिता के आपसी सम्बन्ध अकेली संतान एवं सम्मिलित परिवार में परिवार के सभी लोगों के साथ आपसी सम्बन्ध व्यक्तित्व को प्रभावित करते हैं।
(16) संस्कृति का प्रभाव – समाज का रहन-सहन, रीति-रिवाज, परम्पराएँ, रूढ़ियाँ व्यक्ति के व्यक्तित्व को प्रभावित करती हैं।
(17) अभिवृत्ति का प्रभाव – अभिवृत्ति किसी कार्य या लक्ष्य के प्रति सकारात्मक या नकारात्मक रुख है। उचित कार्य के प्रति सकारात्मक रुख व्यक्ति के व्यक्तित्व में निखार लाता है।
(18) अभियोग्यता का प्रभाव – विशिष्ट कार्य की योग्यता अभियोग्यता है यथा, अभियांत्रिकी, डॉक्टरी, लिपिकीय, तद्नुकूल व्यक्ति का व्यक्तित्व विकसित होता है।
(19) सृजनात्मक क्रियाओं का प्रभाव – कुछ व्यक्ति सृजनशील होते हैं और कुछ न कुछ सृजनात्मक कार्य करते हैं और समाज को प्रभावित करते हैं ये बड़े लोकप्रिय व्यक्ति होते हैं।
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