शिक्षण के स्तरों की व्याख्या कीजिए।
शिक्षण के स्तरों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर— शिक्षण के स्तर निम्न है—
(1) स्मृति स्तर का शिक्षण (Memory Levels of Teaching)– यह शिक्षण का प्रारम्भिक स्तर है । यह विचारहीन होता है। स्मृति एक मानसिक क्रिया है। जब बालक किसी वस्तु या घटक हो देखता है तो वह इसके मस्तिष्क में बैठ जाती है । इस सूचित भूतकालीन अनुभवों को प्रत्यास्मरण द्वारा पुनः चेतना में लाकर पहचान कर लेना स्मृति कहलाती है। स्मृति स्तर के शिक्षण में सीखे हुए या ज्ञात अनुभवों का सीधा उपयोग होता है।
(2) बोध स्तर का शिक्षण (Understanding Levels of Teaching)– शिक्षण के दौरान शिक्षार्थी एवं शिक्षक दोनों के क्रियाशील रहने तथा नवीन जानकारी प्राप्त करने के पश्चात् शिक्षार्थी में सूझ-बूझ तथा समस्या समाधान की क्षमता विकसित होती है। यही शिक्षण का बोध स्तर है। इसके लिये आवश्यक है कि शिक्षार्थी की स्मृति में पूर्व में कुछ बातें हों जिनका वह नवीन जानकारी को समझ कर उपयोग कर सके।
(3) चिन्तन का शिक्षण (Reflective Levels of Teaching)– इस स्तर का शिक्षण अंतिम लक्ष्य है। चिन्तन स्तर के शिक्षण के लिये स्मृति स्तर व बोध स्तर दोनों का सम्मिलित रूप से होना आवश्यक है। इस स्तर का शिक्षण समस्या केन्द्रित होता है। इसमें सम्बन्धित समस्या का हल शिक्षार्थी स्वयं चिन्तन के माध्यम से करता है। ऐसा करने से शिक्षार्थी में सृजनात्मकता का विकास होता है। इस स्तर के पश्चात् शिक्षार्थी भावी जीवन में आने वाली समस्याओं से जूझने के लिये तैयार होता जाता है ।
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