संगीत से आप क्या समझते हैं? इसकी आवश्यकता का उल्लेख कीजिए।

संगीत से आप क्या समझते हैं? इसकी आवश्यकता का उल्लेख कीजिए। 

उत्तर— संगीत–संगीत शब्द ‘गीत’ शब्द में ‘सम्’ उपसर्ग लगाकर बना है। ‘सम्’ का अर्थ है ‘सहित’ और ‘गीत’ यानी ‘गान’ । ‘गान के सहित’, अर्थात् अंगभूत क्रियाओं (नृत्य) व वादन के साथ किया हुआ कार्य संगीत कहलाता है।

अर्थात् गीत, वाद्य और नृत्य ये तीनों मिलकर संगीत कहलाते हैं। ये तीनों कलाएँ एक-दूसरे से स्वतंत्र होते हुए भी तीनों एक-दूसरे की पूरक है। स्वर, लय, ताल का आश्रय लेकर गीत मानव की भावनाओं को व्यक्त करता है, वादन गीत का सहायक होता है और नृत्य उस भावना को मूर्त रूप प्रदान करता है ।
रामअवतार वीर के अनुसार, “संगीत विभिन्न ध्वनियों को मिलाने वाली वह कला है जिसके द्वारा मनोभावों के प्रदर्शन में रोचकता, रोचकता, माधुर्य और सुन्दरता आती है । “
उपेन्द्रचंद्र सिंह के अनुसार, “संगीत एक यौगिक विद्या है जो मानव की आत्मोन्नति की चरम सीमा यानी मोक्ष के द्वार तक पहुँचा देती है । ” पण्डित सारंगदेव ने ‘संगीत रत्नाकर’ में लिखा है—“गीतं वाद्यं च नत्यं त्रयं संगीतमुच्यते (गायन, वादन तथा नृत्य, इन तीनों कलाओं के सम्मिलित रूप को संगीत कहते हैं। “
संगीत की आवश्यकता एवं महत्त्व–संगीत एक ललित कला है, जो अन्य कलाओं की तुलना में सर्वश्रेष्ठ एवं सर्वप्रिय है। संगीत एक ऐसा आधारभूत ज्ञान का विषय है जिसके चारों ओर ज्ञान की अन्य शाखाएँ निरन्तर विकसित हो रही हैं। इसकी आवश्यकता एवं महत्त्व को निम्न प्रकार निरूपित किया जा सकता है—
(i) भाषा, साहित्य – दर्शन, धार्मिक चेतना, द्वन्द्व शास्त्र, अलंकार शास्त्र आदि का ज्ञान हमें संगीत की रचनाओं के माध्यम से परोक्ष रूप से प्राप्त होता है ।
(ii) संगीत मनुष्य को तनावमुक्त करके संतुलित व्यवहार की ओर प्रेरित करता है।
(iii) संगीत से मानव सांसारिक परेशानियों से दूर होकर शान्ति व आनन्द का अनुभव करता है।
(iv) संगीत भावों की सार्वभौमिक भाषा है जिसके द्वारा प्रत्येक व्यक्ति को एक धर्मनिरपेक्ष विस्तृत विचारधारा प्रदान करता है। इस दृष्टि से संगीत एक अन्तर्राष्ट्रीय विषय है जो धर्म, जाति, विश्वास, वर्ण, मत या किसी संकुचित विचारधारा से पूर्ण स्वतन्त्र है। है।
(v) संगीत परम्परा एवं संस्कृति का वाहक भी है।
(vi) संगीत, केवल मनोरंजन का साधन नहीं है वरन् बौद्धिक, संवेगात्मक तथा आध्यात्मिक मूल्यों का भी पोषक है जो कि मानव जीवन को समृद्ध बनाता है।
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