सामाजिक न्याय से आपका आशय क्या है ?

सामाजिक न्याय से आपका आशय क्या है ?

उत्तर— सामाजिक न्याय– सामाजिक न्याय का आश्वासन, जो संविधान की प्रस्तावना द्वारा दिया गया है, नागरिकों के समानता के मूल अधिकार पर आधारित है, जिसके अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को कानून के द्वारा समान संरक्षण का अधिकार प्रदत्त किया गया है। इसके अतिरिक्त राज्य किसी नागरिक के विरुद्ध धर्म, वंश, जाति, लिंग, जन्म स्थान अथवा इनमें से किसी भी आधार पर भेदभाव नहीं करेगा। इसी प्रकार किसी भी नागरिक को केवल धर्म, वंश, जाति, लिंग, जन्म स्थान, अथवा इनमें से किसी एक आधार पर—
(i) दूकानों, सार्वजनिक भोजनालयों, होटलों और सार्वजनिक मनोरंजन के स्थानों में प्रवेश करने से नहीं रोका जायेगा।
(ii) पूर्ण या आंशिक आधार पर राज्यनिधि द्वारा बने हुए या जनता के लिए बनवाये गये कुँओं, तालाबों, स्नानघाटों, सड़कों तथा सार्वजनिक स्थानों के उपयोग करने से नहीं रोका जायेगा।
समानता के अधिकार के अन्तर्गत प्रत्येक नागरिक को राज्य के अधीन किसी भी पद पर नियुक्त किये जाने के लिए समान अवसर प्राप्त होंगे और किसी भी नागरिक के साथ धर्म, वंश, जाति, लिंग, उत्पत्ति या जन्म स्थान अथवा इनमें से किसी भी कारण से भेदभाव नहीं किया जा सकता है। समानता के अधिकार के अन्तर्गत सामाजिक न्याय उपलब्ध करने के लिए यह भी प्रावधान किया गया है कि अस्पृश्यता का अन्त कर दिया गया है और जो व्यक्ति अस्पृश्यता से उत्पन्न किसी अयोग्यता को लागू करता है, वह दण्ड का पात्र होगा।
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