1919 से 1945 के बीच विकसित होनेवाले राजनैतिक और आर्थिक संबंधों पर टिप्पणी लिखें।
1919 से 1945 के बीच विकसित होनेवाले राजनैतिक और आर्थिक संबंधों पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर ⇒ युद्धोत्तर आर्थिक व्यवस्था और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को दो चरणों में बाँटकर देखा जा सकता है
(i) 1920 से 1929 तक का काल तथा (ii) 1929 से द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति अथवा 1945 तक का काल। इस समय के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने में आर्थिक कारणों का महत्त्वपूर्ण योगदान था।
(i) 1920 से 1929 तक का काल सामान्यतः आर्थिक समुत्थान एवं विकास का काल था। प्रथम महायुद्ध के बाद विश्व पर से यूरोप का प्रभाव क्षीण हो गया। हालाँकि एशियाई-अफ्रीकी उपनिवेशों पर उसकी पकड़ यथास्थिति बनी रही। युद्ध की समाप्ति के तत्काल बाद का दो वर्ष आर्थिक संकट का काल था। इस समय उत्पादन और माँग में कमी आई, बेरोजगारी बढ़ी जिससे औद्योगिक इकाइयों में श्रमिकों के हड़ताल होने लगे। 1922 के बाद के वर्षों में स्थिति में बदलाव आने लगा। नये तकनीक की सहायता से औद्योगिक विकास ने गति पकडी जिससे उत्पादन बढ़ा तथा उपभोक्ता वर्ग का भी विकास हुआ।
(ii) 1929-1945 इस चरण में अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संबंधों का विकास विश्वव्यापी आर्थिक महामंदी के प्रभावों को समाप्त करने अथवा उन्हें नियंत्रित करने के उद्देश्य से हुआ। आर्थिक महामंदी का आरंभ अमेरिका से हुआ था। अतः मंदी के प्रभाव को नियंत्रित करने का प्रयास वहीं से आरंभ हुआ। 1932 में फ्रेंकलीन डी० रूजवेल्ट अमेरिका के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए। मंदी से निबटने के लिए रूजवेल्ट ने नई आर्थिक नीति अपनाई जिसे न्यू डील का नाम दिया गया। अमेरिका के समान यूरोपीय राष्ट्रों ने भी महामंदी के प्रभाव से बाहर निकलने एवं अर्थव्यवस्था को विकसित करने का प्रयास किया। इसके लिए यूरोपीय राष्ट्रों की सरकारों ने कड़ा मुद्रा नियंत्रण स्थापित किया। पूर्वी यूरोपीय राष्ट्रों ने 1932 में ओटावा सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें आयात-निर्यात को संतुलित करने का प्रयास किया गया।