बिना बोझ के अधिगम’ के सम्बन्ध में यशपाल समिति की रिपोर्ट की चर्चा कीजिए ।
बिना बोझ के अधिगम’ के सम्बन्ध में यशपाल समिति की रिपोर्ट की चर्चा कीजिए ।
उत्तर— यह समिति अपने अध्यक्ष प्रो. यशपाल के नाम से भी जानी जाती है। इस समिति ने 15 जुलाई, 1993 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसे “शिक्षा बिना बोझ के” (Education Without Burden) के नाम से जाना जाता है । यह रिपोर्ट पाँच खण्डों— प्रस्तावना, शिक्षाक्रम के भार की समस्या, समस्या की जड़ें, सिफारिशें तथा परिशिष्टों में विभाजित है। इस समिति की प्रमुख सिफारिशें इस प्रकार हैं–
(1) व्यक्तिगत उपलब्धि को पुरस्कृत करने वाली प्रतियोगिताओं को हतोत्साहित किया जाना चाहिए।
(2) विद्यालयों में सामूहिक गतिविधियों तथा सामूहिक उपलब्धियों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ।
(3) पाठ्यक्रम निर्माण तथा पाठ्यपुस्तकों को तैयार करने की प्रक्रिया विकेन्द्रीकृत होनी चाहिए जिससे इस कार्यक्रम में छात्रों की सहभागिता प्राप्त की जा सके।
(4) स्वैच्छिक संगठनों का पाठ्यक्रम निर्माण तथा पाठ्यपुस्तकों को तैयार करने की प्रक्रिया का सहयोग लेना चाहिए ।
(5) ग्राम, ब्लॉक तथा जिलास्तर पर शिक्षा समितियों का गठन किया जाना चाहिए जिससे वे अपने कार्य क्षेत्र में विद्यालयों के नियोजन एवं परीक्षण का कार्य कर सकें ।
(6) नर्सरी स्कूल खोलने तथा उनके संचालन को विनियमित करने के लिए कानूनी तथा प्रशासनिक उपाय काम में लाये जाने चाहिए।
(7) नर्सरी कक्षा में प्रवेश के लिए परीक्षण तथा साक्षात्कार का प्रचलन रोक दिया जाये।
(8) नर्सरी स्कूलों को मान्यता प्रदान करने के मानदण्ड निर्धारित किये जायें ।
(9) प्राइवेट विद्यालयों को मान्यता देने के लिए निर्धारित मानदण्डों को अधिक कठोर बनाया जाय।
(10) पाठ्य-पुस्तकों को स्कूली सम्पत्ति बनाया जाय। इन पुस्तकों को बालक विद्यालय में प्रयुक्त करें।
(11) गृहकार्य पाठ्य-पुस्तक से हटकर दिया जाना चाहिए तथा छात्रों को घर पर गृहकार्य के लि बारी-बारी से पुस्तकें उपलब्ध करायी जानी चाहिए।
(12) प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षक छात्र अनुपात 1 : 30 कर दिया जाना चाहिए ।
(13) बालकेन्द्रित सामाजिक वातावरण के निर्माण के लिए इलैक्ट्रानिक प्रचार माध्यमों का अधिकाधिक प्रयोग किया जाना चाहिए।
(14) शिक्षकों की व्यावसायिक दक्षता में वृद्धि करने के लिए सेवाकालीन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा अन्य कार्यकलापों की व्यवस्थित रूपरेखा तैयार की जानी चाहिए।
(15) कक्षा 10 तथा 12 के अन्त में होने वाली सार्वजनिक परीक्षाओं में पाठ्य पुस्तक आधारित प्रश्नों के साथ Quiz प्रकार के प्रश्नों तथा संकल्पना पर आधारित (Concept based) प्रश्नों को स्थान दिया जाना चाहिए।
(16) भाषा की पाठ्य पुस्तकों में स्थानीय तथा बोलचाल के मुहावरों को उचित स्थान प्रदान किया जाना चाहिए।
(17) प्राथमिक कक्षाओं के विज्ञान के पाठ्यक्रम तथा पाठ्यपुस्तकों में प्रयोग की अधिक गुंजाइश होनी चाहिए ।
(18) 6 से 10 वीं कक्षा में सामाजिक विज्ञान में देश की राजनैतिक, सामाजिक तथा आर्थिक व्यवस्था को स्थान प्रदान किया जाये।
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