Bihar Board Class 9Th Hindi chapter 1 कहानी का प्लॉट Solutions | Bseb class 9Th Chapter 1 कहानी का प्लॉट Notes

Bihar Board Class 9Th Hindi chapter 1 कहानी का प्लॉट Solutions | Bseb class 9Th Chapter 1 कहानी का प्लॉट Notes

प्रश्न- लेखक ने लड़की का नाम भगजोगनी क्यों रखा ?
उत्तर— भगजोगनी एक कीट का नाम है जो रात के अंधेरे में सुन्दर हरा प्रकाश उत्पन्न करती है। ऐसे ही मुंशी जी की बेटी अंधेरे घर के. दीपक के समान बहुत सुंदर थी। अतः लेखक ने उस लड़की का नाम भगजोगनी रखा।
प्रश्न- लेखक ने ऐसा क्यों कहा है कि कहानी लिखने योग्य प्रतिभा भी मुझमें नहीं है जबकि यह एक श्रेष्ठ कहानी है ?
उत्तर— बड़े कहानीकार या रचनाकार अपनी रचनाओं का स्वयं मूल्यांकन नहीं करते है बल्कि इनका मूल्यांकन आलोचकों (पाठकों) द्वारा की जाती है। अतः लेखक अपनी सहृदयता एवं सज्जनता का परिचय देते हुए कहते हैं कि “मुझमे कहानी लिखने योग्य प्रतिभा भी नहीं है”, जबकि यह एक श्रेष्ठ कहानी है।
प्रश्न- मुन्शी जी के बड़े भाई क्या थे ?
उत्तर— मुंशी जी के बड़े भाई पुलिस दरोगा थे। वे बड़े खर्चीले और शौकीन मिजाज के व्यक्ति थे। अपने जीते जी उन्होंने सारा धन खर्च कर डाला और अपने छोटे भाई मुंशी जी को गरीबी की हालत में छोड़ गये।
प्रश्न- दारोगा जी की तरक्की रूकने की वजह क्या थी ?
उत्तर—  दारोगा जी की तरक्की रूकने की वजह उनका घोड़ी प्रेम था। घोड़ी तेज दौड़ने वाली बारूद की पुड़िया थी। अतः सभी अँगरेज अफसर उनसे जलते थे और उनकी तरक्की होने नहीं देते थे।
प्रश्न- मुंशी जी अपने बड़े भाई से कैसे उऋण हुए ?
उत्तर— मुंशी जी घोड़ा बेचकर अपने बड़े भाई से उऋण हुए। उस घोड़ी को एक अँगरेज अफसर को बेचकर आये हुए पैसो से उन्होंने दरोगा जी का श्राद्ध धूमधाम से किया।
प्रश्न- भगजोगनी का सौन्दर्य क्यों नहीं खिल सका ?
उत्तर— दानव रूपी गरीबी और माँ की कमी ने भगजोगनी के सौन्दर्य को खिलने नहीं दिया। वह दाने-दाने के लिए मोहताज थी और किसी तरह मुश्किल से फटे-चिटे कपड़ों से अपना शरीर ढक पाती थी।
प्रश्न- मुंशी जी गले फाँसी लगाकर क्यों मरना चाहते थे ?
उत्तर— मुंशीजी अपनी बेटी की दयनीय अवस्था को सहन नही कर पाते थे और जब भगजोगनी भूख से व्याकुल हो कहती- ‘बाबूजी, भूख लगी है, कुछ खाने को दो” तो मुंशीजी का दिल गले में फांसी लगा कर मर जाने को करता ।
प्रश्न- “थानेदार की कमाई और फूस का तापना दोनों बराबर है”। लेखक ने ऐसा क्यूँ कहाँ है ?
उत्तर— थानेदार का पैसा मेहनत या ईमानदारी से नहीं बल्कि घपले से कमाया गया था। जैसे आग में जलकर फूस तुरंत राख हो जाता है वैसे ही थानेदार की बेईमानी से कमाई गई पैसे भी तुरंत खत्म हो जाती है।
प्रश्न- भगजोगनी का दूसरा पति उसका ही सौतेला बेटा है यह घटना समाज के किस बुराई की ओर संकेत करती है और क्यों ? 
उत्तर— ऐसी घटना भारतीय समाज में मौजूद दहेज प्रथा के कारण बेमेल शादी जैसी कुरीति की ओर संकेत करता है जिसके कारण नारी को कई कष्ट झेलना पड़ता है।
प्रश्न- मेरी लेखनी में इतना जोर नहीं लेखक ने ऐसा क्यों कहा है ?
उत्तर—  मुंशीजी की दर्दनाक गरीबी ऊपर से तिलक-दहेज का जमाना देखकर लेखक का हृदय दुःखी हो जाता है जिसके कारण सच्ची घटना को प्रभावशाली बनाने के लिए वे भड़कीले भाषा का प्रयोग नहीं कर पाते हैं इसलिए वे कहते हैं कि उनकी लेखनी में उतना जोर नहीं है।
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