Bihar Board Class 9Th Hindi chapter 8 पधारो म्हारे देश Solutions | Bseb class 9Th Chapter 8 पधारो म्हारे देश Notes

Bihar Board Class 9Th Hindi chapter 8 पधारो म्हारे देश Solutions | Bseb class 9Th Chapter 8 पधारो म्हारे देश Notes

प्रश्न- ‘हाकड़ो’ राजस्थानी समाज के हृदय में आज भी रचा-बसा क्यों हैं ?
उत्तर— हाकड़ो का अर्थ होता है ‘आत्मा’। इस इलाके की आत्मा यानि हाकड़ो है पानी । आज जहाँ रेत का भंडार है वहाँ कुछ लाख साल पहले विशाल समुद्र था। यह विशाल समुद्र लाखों वर्ष पहले सूखना शुरू हुआ और हजारों वर्ष तक सूख कर सुंदर मरूप्रदेश बन गया। ‘हाकड़ो’ शब्द उन पीढ़ियो की लहरों में तैरता रहा है जिनके पुरखों ने भी कभी समुद्र नहीं देखे थे। राजस्थान का समाज यहाँ के बदले रूप को नहीं भूला है अतः हाकड़ो उनके हृदय में आज भी रचा बसा है ।
प्रश्न- ‘हेल’ नाम समुद्र के साथ अन्य कौन से अर्थों को दर्शाता है ?
उत्तर— यह समुद्र के साथ-साथ विशालता और उदारता को भी दर्शाता है।
प्रश्न- ‘धरती धोरा-री’ किसे कहा गया है और क्यों ? 
उत्तर— मारवाड़ी भाषा में ‘धोरा’ का अर्थ होता है- ‘रेट का टीला ‘। राजस्थान को ‘धरती धोरा री’ कहा गया है, क्योंकि इसके लगभग 50% क्षेत्र में थार मरूस्थल फैला है और राजस्थान के विभिन्न जगहों पर हमें कई रूप में रेत के टीले दिख जाते हैं।
प्रश्न- भूगोल की किताबे किनको अत्यंत कंजूस महाजन की तरह देखती है और क्यों ?
उत्तर— भूगोल की किताबे राजस्थान की प्रकृति को अत्यंत कंजूस महाजन के रूप में देखती है क्योंकि वर्षा के मामले में ये कंजूसों में भी कंजूस है। जहाँ देश की औसत वर्षा 110 सेंटीमीटर आँकी गई है वहीं राजस्थान में सिर्फ 16 सेटींमीटर तक बारिश होती है।
प्रश्न- जल संग्रह कैसे करना चाहिए ?
उत्तर— गाँव-गाँव वर्षा को वर्ष भर सहेज कर उसे तालाब, कुंड-कुडियो, वेरियों, जोहड़ो, बावड़ियों में वर्षा जल को संग्रह करना चाहिए।
प्रश्न- चित्रकूट पर्वत कहाँ स्थित है ?
उत्तर— राजस्थान में।
प्रश्न- लेखक ने ‘जसदोल’ शब्द का किस अर्थ में प्रयोग किया हैं ?
उत्तर— लेखक ने ‘जसढोल’ शब्द का प्रयोग प्रशंसा करने के अर्थ में किया है।
प्रश्न- लेखक ‘पधारो म्हारे देश’ क्यों कहते हैं ?
उत्तर— लेखक चाहते हैं कि राजस्थान में जो जलसंग्रह की अनोखी परंपरा है लोग उसे देखे और इससे सीख लेकर अपने जीवन को सुंदर बनाए । इसिलिए वो पधारो म्हारे देश कहते हैं।
प्रश्न- राजस्थानी समाज ने प्रकृति से मिलनेवाली इतनी कम पानी का रोना क्यों नहीं रोया ?
उत्तर— राजस्थानी समाज के लोगों ने जलसंग्रह की नीति अपनाकर जगह-जगह, कुएँ, तालाब, पोखर, बाबड़ी आदि बनाकर वर्षा जल का संग्रह किया जिससे पानी की कमी दूर हो गई और उन्हें प्रकृति से मिलने वाली कम पानी को लेकर रोना नहीं पड़ा।
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