Bihar Secondary School Sample Paper Solved | BSEB Class 10th Sample Sets with Answers | Bihar Board class 10th Sample Paper Solved | Bihar Board Class 10th sanskrit Sample set – 3
Bihar Secondary School Sample Paper Solved | BSEB Class 10th Sample Sets with Answers | Bihar Board class 10th Sample Paper Solved | Bihar Board Class 10th sanskrit Sample set – 3
1. एशिया महादेश का सबसे बड़ा सेतु कौन है ?
(A) अजय सेतु
(B) विनय सेतु
(C) गाँधी सेतु
(D) जवाहर सेतु
2. कौमुदी महोत्सव कहाँ मनाया जाता था ?
(A) वैशाली में
(B) गया में
(C) पाटलिपुत्र में
(D) मुजफ्फरनगर में
3. ‘मैथिल कोकिल’ के नाम से कौन प्रसिद्ध था ?
(A) विद्यापति
(B) नारायण पंडित
(C) कालीदास
(D) वेदव्यास
4. ‘सर्वशुक्ला सरस्वती’ किसने कहा है ?
(A) याज्ञवल्क्य ने
(B) बाणभट्ट ने
(C) जनक ने
(D) दण्डी ने
5. गङ्गा देवी का समय क्या है ?
(A) चौदहवीं सदी
(B) आठवीं सदी
(C) नवमीं सदी
(D) बारहवीं सदी
6. किसके गीत देवता भी गाते हैं ?
(A) भारत वर्ष के
(B) स्वीडन के
(C) बंग्लादेश के
(D) पाकिस्तान के
7. कर्मवीर कौन हैं ?
(A) रामप्रवेश राम
(B) जीतन राम
(C) बलराम
(D) जय राम
8. आर्य समाज के संस्थापक कौन थे ?
(A) स्वामी विवेकानन्द
(B) स्वामी सरस्वत्यानन्द
(C) स्वामी रामतीर्थ
(D) स्वामी दयानन्द
9. कौन लोभ से प्रभावित हुआ ?
(A) पथिक
(B) दुर्जन
(C) सज्जन
(D) दानव
10. अशान्ति सागर के तटों के बीच कौन स्थित है ?
(A) मानवः
(B) दानवः
(C) जीव:
(D) संसार:
11. बहती नदी कहाँ मिलती है ?
(A) सरोवर
(B) नदी
(C) समुद्र
(D) तालाब
12. सत्य का खजाना कहाँ है ?
(A) पृथ्वी लोक
(B) नरकलोक
(C) देवलोक
(D) कोई नहीं
13. ‘भारत महिमा’ पाठ का द्वितीय श्लोक किस पुराण से संकलित है ?
(A) विष्णु पुराण से
(B) भागवत पुराण से
(C) पद्मपुराण से
(D) वायुपुराण से
14. पुराण के रचनाकार कौन है ?
(A) महात्मा विदुर
(B) महर्षि वाल्मीकि
(C) महर्षि वेदव्यास
(D) कालिदास
15. रूप की रक्षा किससे होती है ?
(A) सत्य
(B) अभ्यास
(C) मजया / वस्त्र
(D) आचरण
16. अपयश को कौन नष्ट करता है ?
(A) नम्रता
(B) पराक्रम
(C) क्षमा
(D) सद्व्यवहार
17. ‘रघुवंश’ काव्य की रचना किसने की है ?
(A) महात्मा विदुर
(B) महर्षि वाल्मीकि
(C) महर्षि वेदव्यास
(D) कालिदास
18. मंदाकिनी नदी किस पर्वत के निकट प्रवाहित होती है ?
(A) चित्रकूट
(B) हिमालय
(C) भंडार
(D) पारसनाथ
19. भिक्षुक किस वेश में आया था ?
(A) राजा
(B) भिखारी
(C) मंत्री
(D) ब्राह्मण
20. कर्ण कवच और कुंडल किसको दिया ?
(A) इन्द्र
(B) भीष्म
(C) कृष्ण
(D) युधिष्ठिर
21. मनुष्य को कर्तव्य और अकर्तव्य का बोध कौन कराता है ?
(A) शास्त्र
(B) विवेक
(C) ज्ञान
(D) धन
22. उच्चारण क्रिया का कौन बोध कराता है ?
(A) शिक्षा
(B) कल्प
(C) छंद
(D) ज्योतिष
23. निरूक्त के रचयिता कौन हैं ?
(A) व्यास
(B) पाणिनी
(C) चाणक्य
(D) यास्क
24. भारत की गौरवपूर्ण भाषा कौन है ?
(A) फारसी
(B) हिन्दी
(C) संस्कृत
(D) अंग्रेजी
25. भारत रत्न से कौन विभूषित हुए ?
(A) रामचन्द्र राय
(B) विधानचन्द्र राय
(C) श्यामचन्द्र राय
(D) हरिशचन्द्र राय
26. नरक के कितने द्वार हैं ?
(A) चार
(B) तीन
(C) पाँच
(D) छह
27. कुल की रक्षा किससे होती है ?
(A) योग से
(B) धर्म से
(C) वृत्त से
(D) मृजा से
28. रामप्रवेशराम के गाँव का नाम क्या था ?
(A) भीखना टोला
(B) नया टोला
(C) भीख टोला
(D) भीखन टोला
29. रामप्रवेशराम के परिवार में कुल कितने लोग थे ?
(A) चार
(B) तीन
(C) दो
(D) छह
30. आर्य समाज की स्थापना कब हुई थी ?
(A) 1883 ई० में
(B) 1875 ई० में
(C) 1824 ई० में
(D) 1888 ई० में
31. ‘राजन्’ शब्द प्रथमा वहुवचन का रूप क्या है ?
(A) राजानौ
(B) राजा
(C) राजानः
(D) राज्ञः
32. ‘मुनये’ किस विभक्ति का रूप है ?
(A) द्वितीया
(B) तृतीया
(C) चतुर्थी
(D) सप्तमी
33. ‘तस्मात्’ किस शब्द का रूप है ?
(A) युष्मद्
(B) अस्मद्
(C) तत्
(D) यत्
34. ‘नदीम्’ पद का मूल रूप क्या है ?
(A) नद्
(B) नदी
(C) सरोवर
(D) नदीम
35. ‘पश्यन्ति’ का मूल धातु क्या है ?
(A) पश्य
(B) दृश्
(C) दर्श
(D) दृष्
36. ‘आप्स्यामि’ किस लकार का रूप है ?
(A) लद्
(B) लोट्
(C) लङ्
(D) लृद्
37. ‘इष्’ धातु के लोट् लकार का मध्यम पुरुष बहुवचन रूप कौन है ?
(A) इच्छे:
(B) इच्छ
(C) इच्छत
(D) इच्छेत
38. ‘कुरु’ में कौन-सा लकार है ?
(A) लृद्
(B) लोट्
(C) लङ्
(D) लृट
39. ‘लम्ब + उदरः’ की सन्धि होगी
(A) लम्बदर:
(B) लम्बोदरः
(C) गजाननः
(D) अम्बोदरः
40. ‘प्रतिष्ठाः’ कौन-सी संधि है ?
(A) स्वर संधि
(B) विसर्ग संधि
(C) व्यंजन संधि
(D) इनमें से कोई नहीं
41. ‘मनोहर:’ का संधि-विच्छेद क्या होगा ?
(A) मन + हर
(B) मनः + हरः
(C) मनौः + हर
(D) मनः + हर
42. ‘परा’ उपसर्ग से कौन शब्द बना है ?
(A) पराजयः
(B) प्राकृत
(C) प्रारूप
(D) प्रार्थना
43. ‘अधि’ उपसर्ग के मेल से कौन शब्द बनेगा ?
(A) अपिनह्याति
(B) विचरति
(C) निदिशति
(D) अधिष्ठान
44. ‘उपदिशति’ शब्द में कौन-सा उपसर्ग है ?
(A) उप
(B) उपः
(C) उपा.
(D) उपाः
45. ‘गतिः’ में कौन-सा कृत्त प्रत्यय है ?
(A) क्त्वा
(B) ल्यप्
(C) घञ्
(D) क्तिन्
46. ‘लघिमा’ शब्द में कौन-सा प्रत्यय है ?
(A) इमनिच्
(B) मा
(C) इमा
(D) लधि
47. ‘धनवती’ में कौन-सा स्त्री प्रत्यय है ?
(A) डीप्
(B) ङीष्
(C) डीन्
(D) टाप्
48. ‘वीणापाणि’ में कौन सा समास है ?
(A) द्वन्द्व
(B) द्विगु
(C) बहुव्रीहि
(D) तत्पुरुष
49. ‘कमलमुखम्’ का विग्रह क्या होगा ?
(A) कमल इव मुखम्
(B) कमलम् इव मुख
(C) कमल इव मुख
(D) कमलम् इव मुखम्
50. अव्ययीभाव समास का उदाहरण कौन है ?
(A) पीताम्बरम्
(B) दशाननः
(C) राजपुत्रः
(D) यथाशक्ति
51. ‘श्रीराम:’ का विग्रह क्या होगा ?
(A) श्रीमान युक्तः रामः
(B) श्रीमत् युक्तः रामः
(C) श्री युक्त रामः
(D) श्रीः युक्तः रामः
52. अपादान कारक में कौन-सी विभक्ति होती है ?
(A) प्रथमा
(B) पंचमी
(C) तृतीया
(D) चतुर्थी
53. ‘अपवर्ग तृतीया’ सूत्र का उदाहरण है
(A) रामेण सह सीता गच्छति
(B) सीता क्रोशेन कथाम् अकथ्यत्
(C) नृपः विप्राय धनं ददाति
(D) हिमालयात् गंगा प्रभवति
54. ‘प्रेमकुमार: तीव्रं धावति ।’ वाक्य के ‘तीव्र’ पद में द्वितीया किस सूत्र से हुई है ?
(A) कर्मणि द्वितीया
(B) कालाध्वनोरत्यन्तसंयोगे द्वितीया
(C) कालाध्वनोरत्यन्तसंयोगे
(D) क्रियाविशेषणे च
55. ‘अहं ….सह गयानगरे गच्छामि। वाक्य के रिक्त स्थान में कौन-सा पद होगा ?
(A) किरणस्य
(B) किरणेंन
(C) किरणात्
(D) किरणाय
56. ‘महत् चौसो नगरम् का समस्त पद कौन है ?
(A) महानगरम्
(B) महन्नगरम्
(C) महत् नगरम्
(D) महान्नगरम्
57. बहुव्रीहि समास में कौन-सा पद प्रधान होता है ?
(A) पूर्व पद
(B) उत्तर पद
(C) (A) एवं (B) दोनों
(D) अन्य पद
58. ‘हे राम! अत्रागच्छ ।’ – इस वाक्य के ‘हे राम!’ पद में कौन-सी विभक्ति है ?
(A) प्रथमा
(C) तृतीया
(B) द्वितीया
(D) पञ्चमी
59. ‘घोटक: तीव्रं धावति ।’ वाक्य के ‘तीव्रम्’ पद में द्वितीया विभक्ति किस सूत्र से हुई है ?
(A) कर्मणि द्वितीया
(B) क्रियाविशेषणे द्वितीया
(C) अकथितञ्च
(D) कर्तुरीप्सितमंकर्म
60. ‘रुच्यार्थानांप्रियमाण: ‘ से ‘प्रियमाण’ को कौन समास होती है ?
(A) कर्म
(B) अपादान
(C) सम्प्रदान
(D) अधिकरण
1. अधोलिखित गद्यांशों को पढ़कर उसपर आधारित प्रश्नों के उत्तर निर्देशानुसार दें—
(अ) गुरुः सर्वान् शिष्यान् आहूय उपादिशत्- प्रियच्छात्राः! यूयं ध्यानमग्ना: आदर्शा: नागरिकाः भवत । परिश्रमिणः जनाः नूनं लक्ष्यम् आप्नुवन्ति । दीनजनान् सेवमानः जनः पुण्यं लभते । गुणिनः जनाः सर्वत्र पूज्यन्ते। सत्यमेव नित्यं तिष्ठति लोके। धर्मो रक्षति रक्षितः । पर्यावरणस्य संरक्षणम् अस्माकं प्रधानं दायित्वम्। इतस्ततः भ्रमित्वा वृथा कालः न ‘ यापनीयः । सत्यमेव जयते नानृतम् । वृद्धोपसेविन: जना आयुर्विद्या यशोबलं च आप्नुवन्ति। अस्माभिः राष्ट्र रक्षार्थं जागरूकैः भवितव्यम् । भगवच्चरणेषु इदं निवेदनं करणीयम् यत् अस्माकं मनः शिवसंकल्पमस्तु । अस्माकं बुद्धिः सत्कार्येषु प्रवृता भवेत् इति ।
(i) एकपदेन उत्तरत—
(क) गुरु: कान् आहूय उपादिशत् ?
उत्तर- (क) शिष्यान्
(ख) कीदृशः जनाः सर्वत्र पूज्यन्ते ?
उत्तर- (ख) गुणिनः
(ii) पूर्णवाक्येन उत्तरत—
(क) वृद्धोपसेविनः जनाः किं किं प्राप्नुवन्ति ?
उत्तर- (क) वृद्धोपसेविनः जनः आयुर्विद्या यशोबलं च आप्नुवन्ति ।
(ख) भगवच्चरणेषु अस्माभिः किं निवेदनं करणीयम् ?
उत्तर- (ख) भगवच्चरणेषु इदं निवेदनं करणीयम् यत् अस्माकं मनः शिवसंकल्पमस्तु ।
(iii) अस्य गद्यांशस्य उपयुक्तं शीर्षकम् लिखत ।
उत्तर- शीर्षक: सत्कार्यम्—
अथवा
प्राचीनकालस्य कथा अस्ति। एकस्मिन् आश्रमे ऋषिः धौम्यः शिष्यैः सह वसति स्म । ते शिष्याः आश्रमं निकषा कृषिक्षेत्रेषु कृषिकार्यमपि कुर्वन्ति स्म । तेषु एकः अतीव सरलः बालः आसीत् । तस्य नाम आरुणिः आसीत् । वर्षाकाले एकस्मिन् दिवसे प्रचण्डा वृष्टिरभवत् । पूर्वधान्यक्षेत्रे धान्यं रोपितमासीत् । अतः तत्र जलं रक्षीणयमासीत् । आरुणिः गुरोः आदेशं प्राप्य धान्यक्षेत्रं प्रति अगच्छत् । क्षेत्रबन्धं भग्नं दृष्ट्वा अचिन्तयत् – “जलस्य रक्षणार्थं क्षेत्रस्य बन्धः अवश्यं रक्षणीयः ।” सः एकमुपायं चिन्तितवान्– ‘क्षेत्रबन्धेऽस्मिन् स्वयमेव शयित्वा जलावरोधं करिष्यामि।’ इत्थं जलस्य प्रवाहः रुद्धः । एषः आरुणिः स्वस्य गुरुभक्त्या कर्तव्यनिष्ठ्या च संसारे सर्वदा स्मरणीयोऽभवत् ।
(i) एकपदेन उत्तरत—
(क) कस्य प्रवाहः रुद्ध ?
उत्तर- (क) जलस्य
(ख) कः शयित्वा जलावरोधं कृतवान् ?
उत्तर- (ख) आरुणिः
(ग) कदा प्रचण्डा वृष्टिरभवत् ?
उत्तर- (ग) वर्षाकाले
(घ) आरुणे: कथा कस्य कालस्य कथा अस्ति ?
उत्तर- (घ) प्राचीनकालस्य
(ii) पूर्णवाक्येन उत्तरत—
(क) आरुणिः संसारे केन कारणेन स्मरणीयः अभवत् ?
उत्तर- (क) आरुणिः स्वस्य गुरुभक्त्या कर्तव्यनिष्ठ्या च संसारे स्मरणीयः अभवत्।
(iii) अस्य गद्यांशस्य उपयुक्तं शीर्षकम् लिखत ।
उत्तर- शीर्षक: गुरुभक्तः आरुणिः
(व) भारतवर्षे रामायणम्, महाभारतं च पुस्तकद्वयं महत्त्वपूर्णम् । ‘रामायणम्’ लौकिक संस्कृतस्य प्रथमः ग्रंथः । अस्मिन् ग्रंथे मर्यादा पुरुषोत्तमस्य श्रीरामस्य जीवनस्य वृत्तं वर्तते । अस्य लेखकः महर्षिः वाल्मीकिः आसीत्। सः आदिकविः आसीत्, अतः तस्य रचना ‘आदिमहाकाव्यम्’ इति मत्त्वा विद्वांसः स्मरन्ति । एतत् काव्यम् अनुष्टुप् छन्दसि निबद्धम् । अत्र श्लोकानां चतुर्विंशतिसहस्त्रं वर्तते, तेन रामायणं चतुर्विंशति साहस्त्रीसंहिता इति नाम्ना अपि विद्वद्भिः स्मर्यते । इदं कविना नारदमुनेः प्रेरणया ब्राह्मणः वचनेन च रचितम् । हिन्दी भाषायां तुलसीदासः साधारणजनानां कृते रामचरितमानसं लिखितवान्।
(i) एकपदेन उत्तरत—
(क) रामायणे कस्यं जीवनस्य वृत्तं वर्तते ?
उत्तर- (क) श्रीरामस्य
(ख) कः आदिकविः आसीत् ?
उत्तर- (ख) वाल्मीकिः
(ii) पूर्णवाक्येन उत्तरत—
(क) रामायणे कति श्लोकाः सन्ति ?
उत्तर- (क) रामायणे चतुर्विंशतिसहस्रश्लोकाः सन्ति ।
(ख) हिन्दीभाषायां ‘रामचरितमानसः कस्य रचना अस्ति ?
उत्तर- (ख) हिन्दीभाषायां ‘रामचरितमानसः’ गोस्वामी तुलसीदासस्य रचना अस्ति।
अथवा
दूरदर्शनस्य आविष्कारेण अधुना सर्वसाधारणाः जनाः अपि गृहेषु वसन्तः एव शिक्षा – समाचारादिभिः सह विविधमनोरञ्जनस्य दृश्यान् पश्यन्ति। सम्प्रति सङ्गणकेन सम्प्रेषितः सप्तसमुद्रस्य पारं याति । सत्यं दूरभाष-वायुयानादिभिः दूरस्थस्य संसार: समीपम् आयाति, परम् इन्टरनेट-माध्यमेन तु अधुना वसुधा एव कुटुम्बकं जाता। विद्युता प्रकाशः वायुश्च लभ्यते । गैस-इन्धनम्, तापकरणम्, शीतकम् इत्यादीनि नानाविधानि वैज्ञानिकोपकरणानि आधुनिकं जीवनं संवर्धयन्ति । विज्ञानस्य चमत्कारः सर्वेषु क्षेत्रेषु दृश्यते। परं विज्ञानस्य उपयोगः लोककल्याणाय एव कर्तव्यः, न तु विनाशाय ।
(i) एकपदेन उत्तरत—
(क) कस्य उपयोगः लोककल्याणाय एव कर्तव्यः ?
उत्तर- (क) विज्ञानस्य
(ख) विज्ञानस्य कः सर्वेषु क्षेत्रेषु दृश्यते ?
उत्तर- (ख) चमत्कारः
(ग) कानि आधुनिकं जीवनं संवर्धयन्ति ?
उत्तर- (ग) वैज्ञानिकोपकरणानि
(घ) केन माध्यमेन वसुधा कुटुम्बकं जाता ?
उत्तर- (घ) इन्टरनेटमाध्यमेन
(ii) पूर्णवाक्येन उत्तरत—
(क) काभिः दूरस्थस्य संसारः समीपम् आयाति ?
उत्तर- (क) दूरभाषवायुयानादिभिः दूरस्थस्य संसारः समीपम् आयाति ।
संस्कृते पत्रलेखनम् (08 अङ्काः)
2. निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दें—
प्रश्न- (i) स्वास्थ्य रक्षा के लिए सुझाव देते हुए अपने मित्र के पास एक पत्र लिखें।
उत्तर- (i) आर्यभट्ट छात्रावासः
तिथि: 17.02.2023
प्रिय मित्र,
सप्रेम नमोनमः ।
भवतः पत्रात् मया ज्ञातम् यत् त्वम् इदानीम् अस्वस्थः असिस्वास्थ्य रक्षणाय स्थानीय चिकित्सकमहोदयः ये निर्देशाः दत्ता, तान् अहं लिखामिप्रातः सूर्योदयात् पूर्व शैय्यात्यागः करणीयः । रात्रौ दशवादन पूर्वं शयितव्यम् प्रातः काले नियमपूर्वकं व्यायामः च करणीयः । जलपानेन सह जलं न पातव्यम् तत्पश्चात् पर्याप्त जलं पातव्यम् ।
माता-पितृभ्यां सादर प्रणामाः ।
प्रियः सुहृद्
ब्रजकिशोरः
प्रश्न- (ii) अङ्क प्रमाण-पत्र प्राप्ति हेतु प्रधानाध्यापक के पास एक आवेदन-पत्र लिखें।
उत्तर- (ii)
सेवायाम्,
श्रीमान् प्रधानाचार्य महोदयः,
एस० डी० उच्च विद्यालयः
लालबाग, दरभंगा।
महाशयः,
सविनयं निवेदनम् अस्ति यत् अहम् अस्मिन् एव वर्षे भवतः विद्यालयात् दशम कक्षायाः परीक्षा प्रथमश्रेण्याम् उत्तीर्णः अस्मि । क्रमाङ्कः विंशतिः आसीत्। अहं विद्यालस्य प्रत्येकस्मिन् कार्यक्रमे प्रायशः भागं गृहीतवान् । विद्यालये ममं आचरणम् विशुद्धम् लोकप्रियञ्च आसीत्। इदानीम् अहं महाविद्यालयेषु प्रवेशाय प्रयत्नशीला अस्मि। कृपया मम अङ्क प्रमाण-पत्रं शीघ्रं प्रेषणीयम् । धन्यवादाहः भवान्।
भवतः शिष्यः
तिथि : 17.02.2023 विनय कुमार
प्रश्न- (iii) अध्ययन के लिए प्रेरित करते हुए अपने छोटे भाई के पास एक पत्र लिखें।
उत्तर- (iii) भरौलीग्रामतः
तिथि : 17.02.2023
प्रिय जीतेन्द्रः
सस्नेहम् आशिषः ।
ह्यः अहं तव पत्रं प्राप्तवान् । तव परीक्षापरिणामः शोभनः अस्ति, परं संस्कृतविषये भवता न्यूनाः अङ्का प्राप्ताः इति सखेदं मया पठितम् । त्वं प्रतिदिनं प्रातःकाले उत्थाय संस्कृतस्य अभ्यासं कुरु । अभ्यासेन एव सर्वाणि कार्याणि सिध्यन्ति। पितुः चरणयोः सादरं प्रणामः ।
भवदीय अग्रजः
झूमलालः
प्रश्न- (iv) नामांकन पंजी में आपके पिताजी का नाम गलत अंकित हो गया है, उसे सुधारने हेतु प्रधानाध्यापक को आवेदन पत्र लिखें।
उत्तर- (iv)
सेवायाम्,
श्रीमान् प्राचार्य महोदयः,
सर जी० डी० पाटलिपुत्र उच्च विद्यालय, पटना.
महाशयः,
सविनय निवेदनम् अस्ति यत् अहं भवतः विद्यालये दशम् वर्गे पठामि । नामांकन पंज्याम् मम् पितुः नाम अशुद्धम् अस्ति। अस्य शुद्धि आवश्यकः । अतः प्रार्थये यत् मम् पितुः नाम शुद्धि हेतु आदेशम् प्रदाय भवन्त: माम्अनुगृहणन्तु ।
सधन्यवादम्।
भवतः शिष्यः
तिथि: 17.02.2023 सुरेशः
अनुच्छेद लेखनम् (07 अङ्काः)
3. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर संस्कृत में सात वाक्यों का अनुच्छेद लिखें—
(क) अनुशासनम् (ख) स्वपरिचयः
(ग) होलिकोत्सवः (घ) संस्कृतभाषायाः महत्त्वम्
(ङ) छात्रजीवनम्
उत्तर- 3. (क) अनुशासनम्
‘अनुशासनम्’ जीवनस्य विकासाय अति अनिवार्यम्। अनुशासनं विना देशस्य, समाजस्य व्यवस्था सम्यक् न भवितुं शक्नोति। छात्राणां, शिक्षकाणां कृते तु परमावश्यकम् अनुशासनम् । अस्माकं व्यवहारेषु अपि अनुशासनं भवेत्। समाजस्य, देशस्य, परिवारस्य, विद्यालयस्य यथोचितं व्यवस्थायाः पालनम् एव अनुशासनम् । यस्मिन् देशे अनुशासनं सम्यक् भवति, तस्य देशस्य विकासः शीघ्रं भवति। अतः स्व विकासाय अनुशासनस्य पालनं करणीयम्।
(ख) स्वपरिचय:
मम नाम प्रत्यूष शुभम् अस्ति। अहं कंकड़बागस्य सरदारपटेल मुहल्लायां निवसामि। मम जनकस्य नाम डॉ० मुकेश कुमार ओझा अस्ति । मम विद्यालयस्य नाम राजकीय उच्च विद्यालय, कंकड़बाग, पाटलिपुत्रम् अस्ति । अहं दशं वर्गे पठामि । मम विद्यालयस्य प्राचार्यः नाम श्री उमेश कुमार पाठकः अस्ति। अहं संस्कृत शिक्षकेण सह संस्कृतं वदामि ।
(ग) होलिकोत्सवः
भारतं पर्वाणां देशः अस्ति । पर्वसु होलिकायाः स्थानं विशेषतः महत्त्वपूर्णम् अस्ति । अयं होलिकोत्सवः हिन्दूजनानां पर्व अस्ति। पौराणिक कथया सम्बद्धः होलिकोत्सवः । विषये सर्वे जनाः जानान्ति स्म यत् सा अनले ज्वलनात् मुक्ता अस्ति, परन्तु आशायाः विपरीतकार्यम् अभूत्। होलिका ज्वलिता प्रह्लादश्च सकुशल: बहिः निर्गतः । अस्मिन् पर्वाणि धनिनां दीनानां च मध्ये सामाजिकीभिन्नता न भवति ।
(घ) संस्कृतभाषायाः महत्वम्
सर्वासु भाषासु संस्कृतभाषा प्राचीनतमा अस्ति । इयं भाषा देववाणी गीर्वाणवाणी सुखाणी इत्यादि नाममिः सुविख्याता । इयं भाषा अतीव रमणीया मथुरा च अस्ति। सा न कठिना अपितु सरला सरसा एव । पुरा इयं भाषा व्यावहारिकी भाषा आसीत अद्यापि आंध्रप्रदेशे एकस्मिन ग्रामे जनाः संस्कृतभाषामेव वार्तालापे कुर्वन्ति । रामायण, महाभारतकाले संस्कृतभाषा एव प्रचलिता आसीत् ।
(ङ) छात्रजीवनम्
छात्रकालः मनुष्यजीवनस्य सुवर्णमयः कालः । अस्माकं पुरातनग्रन्थेषु अस्य ईशं महत्त्वं यत् अनेन मनुष्यस्य द्वितीयं जन्म मन्यते, स च द्विजः उच्यते । वस्तुतः छात्रजीवनं मनुष्यस्य द्वितीय जन्म एव विद्यते। अनेन तपसा ज्ञानेन च भाविजीवने ज्ञानस्य, विद्यायाः तपसे दानादिधर्मस्य च विशिष्टं महत्त्वमस्ति मनुष्यजीवने, अन्यथा मनुष्यः पशुतुल्यो भवति । उक्तं हि येषां न विद्या न तपो, न दाने ज्ञानं न शीलं न गुणो न धर्मः। ते मृत्युलोके भुवि भारभूता मनुष्यरूपेण मृगाञ्चरन्ति ।
4. निम्नलिखित में से किन्हीं छः वाक्यों का अनुवाद संस्कृत में करें।
प्रश्न- राजा दशरथ के चार पुत्र थे ।
उत्तर- ‘राज्ञ: दशरथस्य चत्वारः पुत्राः आसन् ।
प्रश्न- उनमें श्रेष्ठ राम थे।
उत्तर- तेषु राम: श्रेष्ठाः (आसीत्) ।
प्रश्न- सीता राम के साथ वन गयी।
उत्तर- सीता रामेण सह वनम् अगच्छत् ।
प्रश्न- वृक्ष से पत्ते गिरते हैं।
उत्तर- वृक्षात् पत्रानि पतन्ति ।
प्रश्न- ग्वाला गाय दुहता है।
उत्तर- गोपालक: गां दुयते ।
प्रश्न- वह कल पटना गायेगा।
उत्तर- स: श्व पटनायाम् गमिष्यति ।
प्रश्न- उसे फल खाना चाहिए।
उत्तर- तम् फलम् खानीयम् (खाद्यतु इति) ।
प्रश्न- मैं प्रतिदिन विद्यालय जाता हूँ
उत्तर- अहम् प्रतिदिनं विद्यालयम् गच्छामि।
प्रश्न- परिश्रम के बिना विद्या नहीं होती है।
उत्तर- परिश्रमेण (परिश्रम) बिना विद्या न भवति ।
प्रश्न- गाँव के चारों ओर वृक्ष हैं।
उत्तर- ग्रामं परितः वृक्षाः सन्ति ।
प्रश्न- नेता लोग पद चाहते हैं।
उत्तर- नेतारः पदाय स्पृहयन्ति ।
प्रश्न- भारतवर्ष बहुत बड़ा देश है।
उत्तर- भारतवर्षम् अति विशालं देशम् अस्ति।
लघुउत्तरीय प्रश्ना: ( 16 अङ्का: )
5. निम्नलिखित में किन्हीं आठ प्रश्नों के उत्तर दें—
प्रश्न- धूर्त लोगों की पहचान किस प्रकार हुई ?
उत्तर- आलसी लोगों के सुख को देखकर धूर्त लोग भी छल से भोजन प्राप्त करने लगे। धूर्त लोगों की पहचान के लिए सोये हुए आलसियों के घर में आग लगा दी गयी । धूर्त लोग घर में लगे हुए आग को देखकर भाग गए।
प्रश्न- भारतभूमि कैसी है, तथा यहाँ किस प्रकार के लोग रहते हैं ?
उत्तर- भारतवर्ष अतिप्रसिद्ध देश है। यहाँ की भूमि सदैव पवित्र और ममतामयी है। यहाँ विभिन्न जातियों और धर्मों के लोग एकताभाव को धारण करते हुए निवास करते हैं।
प्रश्न- उपनिषद् को आध्यात्मिक ग्रंथ क्यों कहा गया है ?
उत्तर- उपनिषद् एक आध्यात्मिक ग्रंथ है, क्योंकि यह आत्मा और परमात्मा के संबंध के बारे में विस्तृत व्याख्या करता है। परमात्मा संपूर्ण संसार में शांति स्थापित करते हैं। सभी तपस्वियों का परम लक्ष्य परमात्मा को प्राप्त करना ही है।
प्रश्न- मंदाकिनीवर्णनम् से हमें क्या संदेश मिलता है ?
उत्तर- मंदाकिनीवर्णनम् महर्षि वाल्मीकिकृत रामायण के अयोध्याकांड के 95वाँ सर्ग से संकलित है। इससे हमें यह संदेश मिलता है कि प्रकृति हमारे चित्त को हर लेती है तथा इससे पर्यावरण सुरक्षित रहता है। प्रकृति की शुद्धता के प्रति हमें हमेशा ध्यान देना चाहिए।
प्रश्न- वेदरूप शास्त्र और कृत्रिम शास्त्र में क्या अंतर है ?
उत्तर- जो शास्त्र ईश्वरप्रदत्त है, नित्य है, उस शास्त्र को वेदरूप शास्त्र कहते हैं। कृत्रिम शास्त्र उस शास्त्र को कहते हैं, जो ऋषियों द्वारा लिखे गए हैं, अथवा विद्वानों द्वारा रचे गए हैं। वेदरूप शास्त्र का उदाहरण है ‘वेद’ तथा कृत्रिम शास्त्र का उदाहरण है ‘रामायण’।
प्रश्न- विश्व में शांति कैसे स्थापित हो सकती है ?
उत्तर- केवल उपदेशों से विश्वशांति नहीं हो सकती। हमें उपदेशों के अनुसार आचरण करना होगा। हमलोग जानते हैं कि क्रिया के बिना, अर्थात व्यवहार के बिना ज्ञान भार स्वरूप है। वैर से कभी भी वैर शांत नहीं होता। हमें निर्वैर, दया, परोपकार, सहिष्णुता और मित्रता का भाव दूसरों के प्रति रखना होगा। तभी विश्वशांति हो सकती है।
प्रश्न- स्वामी दयानन्द द्वारा किए गए समाज सुधार के प्रमुख कार्यों का वर्णन करें ।
उत्तर- स्वामी दयानंद एक महान समाज सुधारक संत थे। मध्यकाल में भारत में छुआछूत, अशिक्षा, जातिभेद, धर्म में आडंबर आदि अनेक कुप्रथाएँ फैली हुई थीं। स्वामी दयानन्द ने इन सभी कुरीतियों को दूर करने के लिए आम लोगों के बीच जाकर इन सभी कुरीतियों के खिलाफ जागरण पैदा किया। इन कार्यों को करने के लिए उन्होंने ‘आर्यसमाज’ नामक संस्था की स्थापना की।
प्रश्न- कर्ण की दानवीरता का वर्णन अपने शब्दों में करें ।
उत्तर- कर्ण सूर्य पुत्र था। जन्म से ही उसे कवच और कुण्डल प्राप्त था। जब तक कवच और कुण्डल उनके शरीर में रहता, वह अज्ञेय होता । इन्द्र अपने पुत्र अर्जुन की रक्षा हेतु ब्राह्मण के वेश में छलपूर्वक उससे कवच और कुण्डल की याचना किए। सब कुछ जानते हुए भी कर्ण ने इन्द्र को कवच और कुण्डल दान कर दिया। अतः वह दानवीर था ।
प्रश्न- वेदाङ्ग कितने हैं? उनके प्रवर्तकों एवं शास्त्रों के नाम लिखें।
उत्तर- वेदाङ्ग छः हैं— शिक्षा, कल्प, व्याकरण निरूक्त, छन्द और ज्योतिष । इनके प्रवर्तक हैं—
शिक्षा — पाणिनी
करुण — बौद्धायन, भारद्वाज, गौतम आदि
व्याकरण — पाणिनी
निरूक्त — यास्क
छन्द — पिंङ्गल
ज्योतिष — लगध
प्रश्न- भारतीयसंस्काराः पाठ के आधार पर ऋषियों की कल्पना का वर्णन करें।
उत्तर- ऋषियों की कल्पना थी कि जीवन के सभी मुख्य अवसरों पर वेदमंत्रों का पाठ, बड़े लोगों का आशीर्वाद, हवन और परिवार के सदस्यों का सम्मेलन हो । ऐसा करने से संस्कारों का पालन होता है। संस्कृति का ज्ञान संस्कार से होता है। इसके बिना व्यक्तित्व की रचना संभव नहीं है। इसीलिए, ऋषियों ने ऐसी संस्कारों के पालन की कल्पना की।
प्रश्न- राम को अयोध्या निवास की अपेक्षा चित्रकूट सुखद क्यों जान पड़ता है ?
उत्तर- वनवास काल में राम, सीता और लक्ष्मण के साथ चित्रकूट में वास करते हैं। कल-कल करनेवाली गंगा अपनी अनुपम छटा से बरबस आकर्षित कर लेती है। गंगा की निर्मल धारा, ऊँची कछारें राम को विह्वल कर देती हैं। चित्रकूट और मंदाकिनी का दर्शन अयोध्या निवास की अपेक्षा अधिक सुखद जान पड़ता है।
प्रश्न- ‘कर्णस्य दानवीरता’ पाठ के नाटककार कौन हैं? कर्ण किनका पुत्र था तथा उन्होंने इन्द्र को दान में क्या दिया ?
उत्तर- इस पाठ के नाटककार भास हैं। कर्ण सूर्य का पुत्र था। उन्होंने इन्द्र को दान में अपनी रक्षा के लिए मिला कवच और कुण्डल दे दिया।
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