किसी अर्थव्यवस्था में राष्ट्रीय एवं प्रतिव्यक्ति आय का विकास में योगदान की चर्चा करें।
किसी अर्थव्यवस्था में राष्ट्रीय एवं प्रतिव्यक्ति आय का विकास में योगदान की चर्चा करें।
उत्तर-किसी भी अर्थव्यवस्था के विकास में राष्ट्रीय तथा प्रतिव्यक्ति आय का महत्त्वपूर्ण योगदान है। ये दोनों ही हमारे आर्थिक जीवन, रहन-सहन के स्तर तथा विकास को प्रभावित करते हैं।
राष्ट्रीय आय– आर्थिक विकास का राष्ट्रीय आय से घनिष्ठ संबंध है। किसी देश के आर्थिक विकास के लिए राष्ट्रीय आय की वृद्धि आवश्यक शर्त है। उपभोग की वस्तुओं की आपूर्ति बढ़ने से लोगों का जीवन-स्तर ऊँचा होता है। राष्ट्रीय आय में वृद्धि उपभोग तथा विनियोग की वस्तुओं में होने वाली वृद्धि का परिचायक है। इससे आर्थिक विकास की प्रक्रिया तीव्र होती है। विकास का मूल उद्देश्य राष्ट्रीय तथा प्रतिव्यक्ति आय एवं राष्ट्रीय आय में वद्धि द्वारा नागरिकों के जीवन स्तर को ऊँचा उठाना। सामान्यतः राष्ट्रीय आय में वद्धि होने पर देशवासियों की प्रतिव्यक्ति आय भी बढ़ती है। भारत में प्रतिव्यक्ति आय का वितरण बहुत ही विषम है एवं इसका एक बड़ा हिस्सा थोडे से औद्योगिक घराने के हाथों में केंद्रित है। अतः देश के सामान्य नागरिकों की औसत आय में वृद्धि एवं जीवन स्तर में सुधार हेतु राष्ट्रीय आय का समुचित वितरण आवश्यक है।