भारत की बहुजातीयता मुख्यतः संस्कृति और इतिहास की देन है। कैसे ?
भारत की बहुजातीयता मुख्यतः संस्कृति और इतिहास की देन है। कैसे ?
उत्तर :- भारतीय सामाजिक विकास में व्यास और वाल्मीकि जैसे कवियों की विशेष भूनिका रही है। महाभारत और रामायण भारतीय साहित्य की एकता स्थापित करती है। इस देश के कवियों ने अनेक जाति की अस्मिता के सहारे यहाँ की संस्कति का निर्माण किया है। भारत में विभिन्न जातियों का मिला-जुला इतिहास रहा है । समरसता स्थापित करना सिखाया है। यही भाव राष्ट्रीयता की जड़ को मजबत किया है।
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