अर्थ की दृष्टि से वाक्यों के भेदों को लिखिए।
अर्थ की दृष्टि से वाक्यों के भेदों को लिखिए।
उत्तर— अर्थ की दृष्टि से—अर्थ की दृष्टि से वाक्य के भेद निम्न प्रकार हैं—
(1) विधान सूचक वाक्य– इन वाक्यों में किसी बात के होने का संकेत मिलता है। यथा— हरि पुस्तक पढ़ता है।
(2) निषेध सूचक वाक्य– इन वाक्यों में किसी बात के न होने का संकेत मिलता है। यथा— राम ने पुस्तक नहीं पढ़ी।
(3) आज्ञा सूचक वाक्य– इन वाक्यों में आज्ञा या आदेश देने का संकेत प्रकट होता है। यथा— तुम पुस्तक पढ़ो, सदा सत्य बोलो।
(4) इच्छा सूचक वाक्य–जिन वाक्यों में इच्छा, शुभकामना या शाप आदि का बोध होता है, वे इच्छा सूचक वाक्य कहलाते हैं। यथा— ईश्वर तुम्हारा कल्याण करे। जा तेरा नाश हो जाये।
(5) संकेत सूचक वाक्य–जिन वाक्यों में संकेत या शर्त का बोध हो, वे संकेत सूचक वाक्य कहे जाते हैं। यथा— यदि तुम थोड़ा और परिश्रम करते, तो प्रथम श्रेणी आते।
(6) प्रश्न सूचक वाक्य–जिन वाक्यों में कुछ जानने की इच्छा प्रकट की जाए या कोई प्रश्न किया जाए, वे प्रश्न सूचक वाक्य होते हैं। यथा— तुम घर कब जाओगे ?
(7) विस्मय सूचक वाक्य–जिन वाक्यों में विस्मय या आश्चर्य प्रकट किया जाय, वे विस्मय सूचक वाक्य होते हैं। यथा—अरे ! यह किसने किया ?
(8) सन्देह सूचक वाक्य–जिन वाक्यों में सन्देह या संशय प्रकट हो, वे संदेहसूचक वाक्य कहलाते हैं । यथा— संभव है कि वह कल आ जावे ।
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