आधुनिकीकरण क्या है ? आधुनिकीकरण के लाभहानियों का वर्णन कीजिए ।

आधुनिकीकरण क्या है ? आधुनिकीकरण के लाभहानियों का वर्णन कीजिए । 

उत्तर— आधुनिकीकरण का अर्थ–आधुनिकीकरण का शाब्दिक अर्थ है, ‘आधुनिकतम विचारों का स्वरूप व आधुनिकतम स्तर से अनुकूलन करना।” इस प्रकार के अनुकूलन में हम परम्परा अथवा अर्द्ध परम्परा को त्यागकर विचारों, कार्यों व तथ्यों को आधुनिकतम उपलब्धियों की सहायता से सरल, सुगम, सुविधाजनक एवं प्रगतिशील बनाते हैं । वर्तमान युग में विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में पर्याप्त विकास हुआ है जिसके कारण ही मानव चन्द्रतल पर पहुँचने में समर्थ हुआ है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रोनिक्स के विकास के फलस्वरूप ही आज के मानव ने जीवन के समस्त क्षेत्रों यथा— आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक, नैतिक, शैक्षिक आदि में प्रगति की है। चिकित्सा में नवीनतम पद्धतियाँ, यातायात एवं संचार के साधनों में आधुनिकता, नये-नये कृषि यंत्र, उपकरण एवं विधियाँ, उद्योगों में नवीन यंत्र, उपकरण एवं विधियाँ आदि आधुनिकीकरण की ही देन है। इन सब साधनों के विकास के कारण हमारे वैयक्तिक एवं सामाजिक मूल्यों में पर्याप्त परिवर्तन हुआ । उदाहरण के लिए यातायात एवं संचार के माध्यमों में आधुनिकता के कारण समाज के सदस्यों के पारस्परिक सम्बन्ध प्रगाढ़ हुए और नये समाज के मूल्यों को ग्रहण किया गया। इस प्रकार आधुनिकीकरण ‘परिवर्तन” रूपान्तरण’ व ‘गतिशीलता’ शब्द का द्योतक है। जो परिवर्तन, रूपान्तरण व गतिशील होती है वह ऊपर से नीचे की ओर अर्थात् ‘प्रगतिशील दिशा’ की ओर होती है। यह परिवर्तन संस्कृति के ‘भौतिक अथवा अभौतिक पक्ष’ में न होकर दोनों पक्षों में होता है। हाँ यह अवश्य है कि आधुनिकीकरण में अभौतिक पक्ष की तुलना में भौतिक पक्ष में अधिक परिवर्तन हुआ है क्योंकि इन परिवर्तनों को लाने का श्रेय पाश्चात्य भौतिकवाद, जो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा सांसारिक मूल्यों पर आधारित है, को ही है। संक्षेप एवं सरल शब्दों में हम कह सकते हैं कि आधुनिकीकरण का तात्पर्य किसी परम्परागत समाज में होने वाले उस परिवर्तन, रूपान्तरण व गतिशीलता से है जिसमें वह परम्परागत सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक, नैतिक तथा आध्यात्मिक मूल्यों एवं मानवीय आकांक्षाओं को त्यागकर उन्नत व पाश्चात्य समाजों के आधुनिक व नवीन सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक, नैतिक तथा आध्यात्मिक मूल्यों एवं मानवीय आकांक्षाओं को ग्रहण करता है।
आधुनिकीकरण की परिभाषा—
(1) हालपर्न के अनुसार, “आधुनिकीकरण एक नये प्रकार के मानसिक दृष्टिकोण की उपज है जिसमें मशीनों एवं प्रविधियों के उपयोग के लिए एक नई पृष्ठभूमि का निर्माण होता है। सामाजिक सम्बन्धों का एक नया प्रारूप बनता है।”
(2) पाई के अनुसार, “आधुनिकीकरण एक नये प्रकार के मानसिक दृष्टिकोण की उपज है जिसमें मशीनों एवं प्रविधियों के उपयोग के लिए एक नई पृष्ठभूमि का निर्माण होता है। सामाजिक सम्बन्धों का एक नया प्रारूप बनता है।”
(3) एस. के मूर्ति के अनुसार, “आधुनिकीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी परम्परागत समाज या राष्ट्र को आर्थिक, तकनीकी, औद्योगिक और सामाजिक विकास के क्षेत्र में आधुनिक बनाया जाता है । यह एक ऐसा प्रयत्न है जो उनके आर्थिक आधार, तकनीकी व्यवस्था, औद्योगिक स्तर तथा सामाजिक संगठन में मूलभूत परिवर्तन लाने के लिए किया जाता है। यह एक विकसित राष्ट्र को अन्य विकसित राष्ट्रों के बराबर लाने वाली प्रक्रिया है । “
उपर्युक्त परिभाषाओं के आधार पर आधुनिकीकरण की निम्नलिखित विशेषताएँ प्रकट होती हैं—
(1) यह निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है ।
(2) इसके परिणाम सकारात्मक (Positive) व नकारात्मक (Negative) दोनों प्रकार के हो सकते हैं।
(3) इसके द्वारा होने वाले परिवर्तनों का सम्बन्ध कृषि, शिक्षा, चिकित्सा तथा उद्योग आदि किसी भी क्षेत्र में हो सकता है।
(4) आधुनिकीकरण का सम्बन्ध केवल कार्य प्रणाली में होने वाले परिवर्तनों से ही नहीं है, वरन् सोच में होने वाले परिवर्तन भी इसमें सम्मिलित हैं।
(5) इसका सम्बन्ध समय या काल विशेष के साथ न होकर व्यक्ति के दृष्टिकोण के साथ है।
(6) केवल पाश्चात्यीक ही आधुनिकीकरण नहीं है।
(7) आधुनिकीकरण के लिए व्यक्तियों में परिवर्तन की इच्छा होना आवश्यक है। यह एक प्रजातांत्रिक प्रक्रिया है।
(8) यह एक परम्परागत समाज के तकनीकी से जुड़ी समाज व्यवस्था की ओर ले जाती है।
(9) यह प्रक्रिया व्यक्ति को भूत की अपेक्षा वर्तमान से जोड़ती
(10) इसके लिए व्यक्तियों का दृष्टिकोण क्रियात्मक व यथार्थवादी होना चाहिए।
आधुनिकीकरण के लाभ–आधुनिकीकरण की प्रक्रिया के निम्नलिखित लाभ हैं—
(1) कृषि में नवीन तकनीकों का प्रयोग–भारत एक कृषि प्रधान देश है। आधुनिकीकरण के कारण अब किसान खेती में नवीनतम तकनीक का उपयोग करने लगे हैं। इससे उत्पादन में वृद्धि हो रही है तथा आर्थिक विकास होता है।
(2) जागरूकता का विकास–टेलीविजन जैसे माध्यमों के कारण लोगों में अपने देश व विश्व में घटित होने वाली घटनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ी है।
(3) औद्योगिक विकास–नए-नए उद्योग लगाए जा रहे हैं। पुराने उद्योगों में भी नवीनतम तकनीक का प्रयोग किया जाने लगा है। इससे औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिला है।
(4) गुणवत्ता में सुधार–आधुनिकीकरण के कारण विभिन्न क्षेत्रों में किए जाने वाले कार्यों की गुणवत्ता में सुधार आया है, क्योंकि हम प्रत्येक क्षेत्र में नवीनतम तकनीक का प्रयोग करने लगे हैं।
(5) चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार–आधुनिकीकरण के कारण व्यक्ति की औसत आयु में वृद्धि हुई है। असाध्य समझी जाने वाली बीमारियों का इलाज अपने ही देश में सम्भव हो गया है। आधुनिक चिकित्सकीय सुविधाएँ व्यक्ति को मौत के मुँह से निकाल लाने में भी सक्षम हैं।
(6) शिक्षा में नवीनतम तकनीकों का प्रयोग – आधुनिकीकरण ने हमारी शिक्षण विधियों में भी क्रान्तिकारी परिवर्तन किए हैं। एजूसैट द्वारा विभिन्न स्थानों पर विद्यार्थियों को श्रेष्ठ शिक्षकों के शिक्षण से लाभान्वित होने का मौका मिला है। शिक्षण में ओवर हैड प्रोजेक्टर, स्लाइड प्रोजेक्टर, मल्टीमीडिया प्रोजेक्टर तथा दूरदर्शन आदि का प्रयोग होने लगा है। दूरस्थ शिक्षा का प्रचलन बढ़ा है। विभिन्न स्तरों की शिक्षा के पाठ्यक्रम में भी परिवर्तन हुए हैं।
(7) प्राकृतिक संसाधनों का उचित उपयोग–इस आधुनिकीकरण की प्रक्रिया के कारण देश में उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का अधिकतम उपयोग संभव हो पाता है जिससे राष्ट्र का विकास होता है।
(8) विश्व परिवार की भावना का विकास–आपस की दूरियाँ कम हुई हैं। एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना तथा विश्व के विभिन्न भागों में रहने वाले लोगों से सम्पर्क बनाना आसान हो गया है। इससे पूरे विश्व ने एक परिवार का रूप ले लिया है।
(9) सामाजिक परिवर्तन एवं सामाजिक विकास– आधुनिकीकरण ने लोगों की सोच एवं काम करने के तरीकों को बदला है। रूढ़िवादी धारणाओं एवं अन्धविश्वासों में कमी आ रही है और सामाजिक विकास हो रहा है।
आधुनिकीकरण की हानियाँ–आधुनिकीकरण की प्रमुख कमियाँ निम्नलिखित हैं—
(1) परम्परा व आधुनिकता में संघर्ष की स्थिति–इस प्रक्रिया ने विशेष रूप से युवा पीढ़ी की सोच को पूरी तरह बदल दिया है। वे जाति, धर्म तथागोत्र आदि के बन्धनों से मुक्त हो जाना चाहते हैं जो दूसरी ओर पुरानी पीढ़ी अभी भी अपनी पुरानी सोच को नहीं बदल पाई है। इससे समाज के इन दोनों वर्गों में संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
(2) सामाजिक विकास में रुकावट (Discourage Social Development)–आधुनिकीकरण ने व्यक्ति को आत्मकेन्द्रित बना दिया है । विशेष रूप से दूर-दर्शन के कारण लोग हर समय इसी से चिपके रहना चाहते हैं। लोगों का आपस में मिलना-जुलना कम हुआ है। इस प्रकार इस प्रक्रिया ने सामाजिक विकास को अवरुद्ध किया है ।
(3) मानवीय मूल्यों में गिरावट–कुछ लोग आधुनिकीकरण का अर्थ पाश्चात्य सभ्यता व संस्कृति का अन्धानुकरण मानते हैं। लेकिन पाश्चात्य संस्कृति का बिना सोचे-समझे अनुकरण करने से हम अपने प्राचीन सांस्कृतिक मूल्यों से कट रहे हैं और भारतीय समाज में मानवीय मूल्यों में गिरावट देखने को मिल रही है ।
(4) प्रतिभा पलायन को बढ़ावा देती है–आधुनिकीकरण ने यह सम्भव बना दिया है कि व्यक्ति विश्व के किसी भी भाग में चला जाए। यही कारण है कि अपने देश में उपलब्ध विकास सम्बन्धी सुविधाओं की कमी के कारण आज का प्रतिभाशाली युवा विदेश जाकर बस जाना चाहता है। यह प्रतिभा पलायन राष्ट्रीय विकास के लिए घातक है।
(5) श्रम के प्रति निष्ठा में कमी–मशीनों पर अत्यधिक निर्भर हो जाने के कारण लोग आलसी हो गये हैं। उनमें मेहनत के प्रति आदर की भावना में कमी आई है।
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