आधुनिक बिहार में शिक्षा एवं प्रेस के विकास की व्याख्या कीजिए एवं स्वतंत्रता आंदोलन में शिक्षा और प्रेस की भूमिका बताइए।
आधुनिक बिहार में शिक्षा एवं प्रेस के विकास की व्याख्या कीजिए एवं स्वतंत्रता आंदोलन में शिक्षा और प्रेस की भूमिका बताइए।
(46वीं BPSC/2005)
अथवा
बिहार में शिक्षा एवं प्रेस के विकास की चर्चा करें एवं स्वतंत्रता आंदोलन में शिक्षा एवं प्रेस की भूमिका उदाहरण सहित बताएं।
> आधुनिक शिक्षा का प्रारंभ 1835 में घोषित ‘नई शिक्षा नीति’ के बाद हुआ ।
> 1917 में पटना विश्वविद्यालय, 1928 में पटना साइंस कॉलेज, 1925 में पटना मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल की स्थापना हुई।
> गुरु प्रसाद सेन ने बिहार से पहला अंग्रेजी सामाचार पत्र ‘द बिहार हेराल्ड’ का प्रकाशन 1875 में प्रारम्भ किया।
> बिहार का पहला हिन्दी अखबार ‘ बिहार बंधु’ था जो पहले कलकत्ता एवं बाद में 1974 में पटना से प्रकाशित हुआ।
> 1881 में – इंडियन क्रॉनिकल
> 1941 में – आर्यावर्त
> 1918 में – द सर्चलाइट
> 1947 में – प्रदीप
> 1985 में – पटना से हिन्दुस्तान टाइम्स प्रारंभ हुए।
उत्तर – भारत में आधुनिक शिक्षा का प्रारंभ 1835 में घोषित ‘नई शिक्षा नीति’ के बाद हुआ। 1835 में पूर्णिया, बिहारशरीफ एवं भागलपुर में अंग्रेजी विद्यालय खुले। बाद में पटना, आरा, छपरा आदि में जिला स्कूल खुले ।
अंग्रेजों के काल में बिहार में तकनीकी शिक्षा का विकास ज्यादा नहीं हुआ, परंतु आधुनिक शिक्षण संस्थान जरूर खुले। 1917 में पटना विश्वविद्यालय की स्थापना हुई, पटना कॉलेज में 1919 में भौतिकी और रसायन विज्ञान विभाग खोले गए। विज्ञान एवं तकनीकी शिक्षा के लिए 1928 में पटना साइंस कॉलेज की स्थापना हुई। 1925 में पटना मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल और 1947 में दरभंगा में एक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल की स्थापना हुई। वर्तमान के झारखंड के धनबाद जिला में 1925 में केन्द्रीय खनन संस्थान खोला गया। वर्तमान में बिहार में 18 विश्वविद्यालय, 15 इंजीनियरिंग कॉलेज, 10 मेडिकल कॉलेज, 6 कृषि महाविद्यालय एवं एक प्रबंधन संस्थान हैं। इसके अतिरिक्त बिहार में और भी कुछ नए-नए शैक्षणिक संस्थान स्थापित हुए हैं।
बिहार में प्रेस का विकास लगभग 19वीं शताब्दी के अंत में हुआ। गुरु प्रसाद सेन ने बिहार से पहला अंग्रेजी समाचार पत्र ‘द बिहार हेराल्ड’ का प्रकाशन 1875 में शुरू किया। उसके बाद 1881 में ‘इंडियन क्रॉनिकल’ का प्रकाशन प्रारंभ हुआ। राष्ट्रवादियों द्वारा ‘दि मदरलैंड, बिहार स्टैंडर्ड’, ‘दि बिहारी’ एवं ‘द बिहार टाइम्स’ जैसे समाचार पत्रों का प्रकाशन आरंभ किया गया। 1918 से ‘द सर्चलाइट’ का प्रकाशन प्रारंभ हुआ। 1985 में पटना से ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ का प्रकाशन प्रारंभ हुआ। मजहरूल हक ने असहयोग आंदोलन के दौरान ‘द मदरलैंड’ का प्रकाशन प्रारंभ किया। बिहार का पहला हिन्दी अखबार ‘बिहार बंधु’ था जो पहले कलकत्ता से एवं 1974 में पटना से प्रकाशित हुआ। 1941 में ‘आर्यावर्त’ समाचार पत्र एवं 1947 में ‘प्रदीप’ का प्रकाशन प्रारंभ हुआ।
स्वतंत्रता आंदोलन में प्रेस एवं शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान रहा। आधुनिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद बिहार के लोग आत्मसम्मान, देशभक्ति, स्वतंत्रता, समानता जैसी चीजों को जानने समझने लगे, पश्चिमी देशों में होने वाले आंदोलनों से परिचित हुए एवं उनकी तुलना खुद से करने लगे। फलस्वरूप ये आधुनिक शिक्षा प्राप्त मध्यवर्गीय तबका संपूर्ण स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रहा। प्रेस ने भी राष्ट्रवाद की भावना को प्रसारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अनेक प्रतिबंधों के बावजूद प्रेस राष्ट्रवादियों के विचारों को व्यक्त करने के माध्यम बने एवं आधुनिक विचारों को जनसामान्य तक पहुंचाने का कार्य किया।
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