फील्ड नोट्स का क्या अर्थ है ? क्षेत्रीय अध्ययन की तैयारी के दौरान हमें किन बिन्दुओं को ध्यान में रखना चाहिये ?

फील्ड नोट्स का क्या अर्थ है ? क्षेत्रीय अध्ययन की तैयारी के दौरान हमें किन बिन्दुओं को ध्यान में रखना चाहिये ? 

उत्तर— फील्ड नोट्स–फील्ड नोट्स से अर्थ है-ऐसे विभिन्न प्रकार के नोट्स जो शोध वैज्ञानिकों द्वारा उसी समय या किसी विशेष घटना का अवलोकन करते समय लिखे जाते हैं। यह अधिकतर वर्णनात्मक विज्ञान में प्रयोग किए जाते हैं। जैसे—जीवन विज्ञान, नृवंश विज्ञान, भूविज्ञान, सामाजिक विज्ञान आदि ।
क्षेत्रीय अध्ययन की तैयारी–क्षेत्रीय अध्ययन पर जाने के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य उपयुक्त क्षेत्र का चुनाव करना है। इस सन्दर्भ में किसी अनुभवी शिक्षक का निर्देशन आवश्यक है; जैसे—विद्यार्थियों की योग्यता तथा आयु के अनुसार ऐसे केन्द्रों का चयन करना चाहिए, जिन्हें देखकर विद्यार्थी सरलतापूर्वक पर्यावरणीय ज्ञान को अभिगृहीत कर सकें ।
क्षेत्रीय अध्ययन की तैयारी के दौरान निम्नलिखित बिन्दुओं में ध्यान में रखा जाना चाहिए—
(i) स्थल का चयन—इसके लिए स्थानीय स्थल (Sites) का चुनाव किया जाना चाहिए, ताकि नियत समय में सम्पूर्ण जानकारी एकत्रित करके पुन: लौट सकें। साथ ही यह स्थल पर्यावरणीय विशिष्टता वाला होना चाहिए। पर्यावरण के सामान्य पक्षों के अध्ययन के लिए नदी, तालाब, पहाड़ी वन क्षेत्र आदि को तथा समस्यात्मक अध्ययन के लिए नगरीय, ग्रामीण, औद्योगिक तथा कृषि क्षेत्र आदि का चयन उपयुक्त है।
(ii) विद्यार्थियों की संख्या—अध्ययन क्षेत्र में जाने वाले विद्यार्थियों के दल की उपयुक्त संख्या 15 से 20 है । संख्या सन्तुलित होने पर प्रत्येक विद्यार्थी को अध्ययन का पर्याप्त अवसर मिल जाता है। यह कार्य अधिकतम तीन दिवसों में पूर्ण किया जा सकता है।
(iii) विषय का चयन—क्षेत्र अध्ययन के लिए पर्यावरण से सम्बद्ध कोई विशिष्ट विषय ही चुना जाए, जो विशेषकर समकालीन एवं समस्यात्मक है। इनमें पर्यावरण प्रदूषण (जल, वायु, ध्वनि) अपशिष्टों का निस्तारण मृदा अपरदन, वनोन्मूलन, जल का अतिदोहन तथा सांस्कृतिक पर्यावरण के विभिन्न पक्ष सम्मिलित हैं।
(iv) आवश्यक सामग्री—क्षेत्रीय अध्ययन के लिए जाने से पूर्व विद्यार्थियों को अपने साथ क्षेत्र का मानचित्र, रंगीन पैन, साधारण कागज, नोटबुक, प्रश्नावली प्रारूप, कैमरा व फीता आदि लेना आवश्यक है। क्षेत्र अध्ययन के लिए जाने से पूर्व विद्यार्थियों को प्रशिक्षित कर दिया जाना चाहिए, ताकि वे क्षेत्र में जिस व्यक्ति या परिवार से जानकारी प्राप्त करें, उसमें उन्हें असुविधा न हो।

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