बलाघात शिक्षण क्या है ? स्पष्ट कीजिए ।

बलाघात शिक्षण क्या है ? स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर— बलाघात शिक्षण–अन्य भाषा के शिक्षण में ध्वनियों के उच्चारण के साथ-साथ उस भाषा की प्रकृति के अनुरूप बलाघात शिक्षण के भी विशेष महत्त्व रखता है। अन्य भाषा सीखने वाला छात्र मातृभाषा की बलाघात व्यवस्था का अन्य भाषा में आदतवश प्रयोग करता है। इसके लिए बलाघात का शिक्षण आवश्यक हो जाता है । बलाघात शिक्षण में निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना उचित है—
(1) छात्रों को अन्य भाषा में बलाघात के नियमों से परिचित कराना आवश्यक है। इससे शब्दों के सही उच्चारण में उसे सहायता मिलती है। अन्य भाषा के शिक्षण में छात्र को बलाघात तथा लय के प्रयोग में कठिनाई हो सकती है। वह मातृभाषा की इन व्यवस्थाओं से इस सीमा तक परिचित होता है कि उससे भिन्न दूसरी व्यवस्था के प्रयोग में उसे कठिनाई होती है। ध्वनियों की भाँति इस क्षेत्र में भी वह मातृभाषा की व्यवस्था को अन्य भाषा में आरोपित करने का प्रयत्न करता है । अतः प्रारम्भ से ही इनके शिक्षण पर ध्यान देना आवश्यक है ।
(2) बलाघात के शिक्षण में अनुकरण अभ्यास का विशेष महत्त्व है। अध्यापक द्वारा प्रस्तुत किए गए नमूने का छात्र अनुकरण करते हैं । मातृभाषा के बलाघात साँचों के स्थान पर अन्य भाषा के बलाघात साँचों के प्रयोग की आदत उत्पन्न करना जरूरी है। इसके लिए निरन्तर अभ्यास सर्वोत्तम साधन है। मातृभाषा तथा अन्य भाषा के बालाघात साँचों का अन्तर समस्रोतीय शब्दों द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है। छात्र दोनों के अन्तर को सुनता है और पहचानता है। अन्तर को समझते हुए उसका अभ्यास करना अधिक उपयोगी माना जाता है।
(3) मातृभाषा और अन्य भाषा के बलाघात साँचों के अन्तर को स्पष्ट करना आवश्यक है। मातृभाषा के बलाघात और अन्य भाषा के बलाघात को बलाघात चिह्नों के द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है। ये चिह्न विशेष क्रम से बल को द्योतित करते हैं, यथा—मुख्य अथवा तीव्र बलाघात, गौण बलाघात, सामान्य बलाघात और अति सामान्य या अल्प बलाघात । प्रारम्भ में इन चिह्नों का प्रयोग करते हुए उच्चारण में बलाघात के प्रयोग का अभ्यास कराया जाता है। छात्र जब इनका समुचित अभ्यास कर लेता है, तब इन सांकेतिक चिह्नों के प्रयोग की आवश्यकता नहीं होती ।
(4) ध्वनि शिक्षण सम्बन्धी समस्याओं की भाँति बलाघात और लय के शिक्षण में भी एक-एक शिक्षण – बिन्दु के शिक्षण पर ध्यान केन्द्रित करना आवश्यक है। शिक्षण बिन्दु विशेष पर पर्याप्त अभ्यास करने के बाद ही अन्य बिन्दुओं को लिया जा सकता है। इससे भी समस्याओं को अनुस्तरित करना और उन्हें क्रम से सिखाना उचित ।
(5) बलाघात का अभ्यास टेप की सहायता से भी कराया जा सकता है । अध्यापक द्वारा प्रस्तुत किए गए नमूने अथवा मातृभाषा भाषियों के बलाघात को टेप द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। तत्पश्चात् इसके अनुकरण का अभ्यास कराया जाता है। टेप द्वारा सामग्री को प्रस्तुत करने में अन्यं सुविधाओं के साथ एक विशेष लाभ यह भी है कि अध्यापक को मार्गदर्शन देने का अधिक अवसर मिलता है ।
स्पष्ट है कि अन्य भाषा के शिक्षण में बलाघात का व्यवस्थित शिक्षण आवश्यक है जिससे छात्र में इसके प्रयोग की सहज आदत विकसित हो सके।
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