बिहार के गैर-परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों का वर्णन कीजिए और एक का विस्तार से चर्चा कीजिए।

बिहार के गैर-परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों का वर्णन कीजिए और एक का विस्तार से चर्चा कीजिए।

उत्तर- बिहार में गैर-परंपरागत एवं नवीकरणीय ऊर्जा का भारी संभावनाएँ हैं। बहत वृहत जल ऊर्जा, बायोगैस ऊर्जा, सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा की आवश्यकता की पूर्ति की जा सकती है। बिहार में नवीकरणीय ऊर्जा विकास को राज्य में ऊर्जा के गैर-पारंपारिक स्रोत के जरिए दूरस्थ गाँवों के विद्युतीकरण एवं नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रमों के विकास के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है। यहाँ 92 सम्भावित स्थलों की पहचान की गई है जहाँ लघु जल-विद्यत परियोजनाओं का विकास किया जाएगा और जिसके कुल उत्पादन क्षमता 46% मेगावाट होगा।
बिहार में यह उत्पादन योजना समेत बायोमास आधारित विद्युत परियोजनाओं की स्थापना के द्वारा 200 मेगावाट विद्युत उत्पादन की शक्ति संभव है। पवन ऊर्जा आधारित विद्युत परियोजनाओं की स्थापना के बिहार सरकार तत्पर है। संभावित स्थलों की पहचान की गयी है। राज्य की नोडल एजेंसी चेन्नई की सहयोग से पवन संसाधन आकलन कार्यक्रम हाथ में लेने के प्रयास में हैं। बायोगैस गाँव में भोजन बनाने संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं। बिहार में अब तक इस क्षेत्र में 125 लाख संयंत्र स्थापित किए हैं।

Ajit kumar

Sub Editor-in-Chief at Jaankari Rakho Web Portal

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