भारतीय चुनाव आयोग के निर्देशन के अंतर्गत अबाध एवं निष्पक्ष चुनाव के संचालन में नौकरशाही की भूमिका की चर्चा करें।

भारतीय चुनाव आयोग के निर्देशन के अंतर्गत अबाध एवं निष्पक्ष चुनाव के संचालन में नौकरशाही की भूमिका की चर्चा करें।

अथवा

नौकरशाही की भूमिका- अबाध एवं निष्पक्ष चुनाव संचालन में चुनाव आयोग के निर्देशन में |
उत्तर – अनुच्छेद 324 के अनुसार संसद एवं प्रत्येक राज्य के विधान मंडल के लिए कराये जाने वाले सभी निर्वाचनों के संचालन का अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण निर्वाचन आयोग के अधीन होता है।
आयोग के पास सीमित कर्मचारी एवं अधिकारी होते हैं। अतः चुनाव प्रक्रिया के दौरान चुनाव संबंधी कार्यों के संबंध में आयोग का पूरी प्रशासनिक मशीनरी पर नियंत्रण हो जाता है। केन्द्र तथा राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों को चुनाव संबंधी कार्य आयोग के नियंत्रण में करना होता है। निर्वाचन आयोग इन अधिकारियों का अपने सुविधानुसार तबादला कर सकता है तथा आवश्यकता पड़ने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही भी कर सकता है।
अबाध एवं निष्पक्ष चुनाव के संचालन में नौकरशाही की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। इन पर चूंकि निर्वाचन आयोग का कड़ा नियंत्रण होता है, अतः ये निष्पक्ष तरीके से अपने कार्यों को करते हैं। सर्वप्रथम चुनाव की विभिन्न तैयारियों, जैसेक्षेत्र में अपराध-नियंत्रण, सुरक्षा की मजबूत व्यवस्था, मतदाता सूची तैयार करवाना, पोलिंग बुथ को चिन्हित करना आदि कार्य करने होते हैं। चुनाव प्रचार के दौरान निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार राजनीतिक पार्टियों पर नजर रखना तथा आचार संहिता का उल्लंघन न हो, इसकी जिम्मेदारी प्रशासनिक अधिकारियों पर ही होती है। शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए यह आवश्यक है कि भयमुक्त वातावरण बने तथा बुथ कैप्चरिंग आदि की घटना न हो। इसके लिए प्रशासन को सतर्क रहना पड़ता है। इन कार्यों के लिए स्थानीय प्रशासन को पुलिस के अलावा केन्द्रीय पुलिस बल भी उपलब्ध करायी जाती है ताकि प्रशासन किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए सक्षम हो सके। चुनाव के बाद E.V.M. को गणना स्थल तक सुरक्षित पहुंचवाना तथा वोटों की गिनती करवाना भी प्रशासन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है।
यद्यपि नौकरशाही अपनी शक्तियों का कभी-कभी गलत इस्तेमाल भी चुनाव के दौरान करती है, परंतु विगत कुछ वर्षों से निर्वाचन आयोग के ज्यादा स्वतंत्र एवं मजबूत होने से ऐसी स्थितियों पर नियंत्रण किया जा सका है।
इस प्रकार स्पष्ट है कि स्वच्छ एवं निष्पक्ष चुनाव के संचालन में नौकरशाही की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। एक सशक्त एवं मजबूत नौकरशाही तंत्र विषम परिस्थितियों में भी सफलतापूर्वक चुनाव करवा सकती है। चूंकि चुनाव लोकतंत्र की आत्मा है अतः इसके लिए एक शक्तिसंपन्न एवं स्वच्छ नौकरशाही आवश्यक है।
>  अनुच्छेद 324 के अनुसार संसद एवं प्रत्येक विधानसभा, विधानपरिषद के निर्वाचनों के अधीक्षण, निर्देशन, नियंत्रण निर्वाचन आयोग के अधीन होता है।
> केन्द्र तथा राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों को चुनाव संबंधी कार्य निर्वाचन आयोग के नियंत्रण में करना होता है।
•   नौकरशाही के प्रमुख चुनाव संबंधी कार्य
> चुनाव संबंधी विभिन्न तैयारियों को अंजाम देना
> भयमुक्त वातावरण तैयार करना
> आचार संहिता का पालन करवाना
> चुनाव के दौरान राज्य पुलिस एवं केन्द्रीय बलों का प्रयोग कर शांतिपूर्ण चुनाव करवाना।
 > चुनाव उपरांत वोटों की गिनती करवाना, आदि।
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