भारत में पारंपरिक शक्ति के विभिन्न स्रोतों का विवरण प्रस्तुत करें।

भारत में पारंपरिक शक्ति के विभिन्न स्रोतों का विवरण प्रस्तुत करें।

उत्तर ⇒ भारत में पारंपरिक शक्ति के विभिन्न स्रोत निम्न प्रकार हैं –

(i) कोयला– यह ऊर्जा का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है। 2008 तक भारत में कोयला का अनुमानित भंडार 26,454.करोड़ टन का अंदाजा था और कुल उत्पादन 456.37 मिलियन टन हुआ था। यहाँ दो समूहों के कोयले का निक्षेप पाया जाता है जिसमें 96% कोयला गोंडवाना समूह का है जिसका विस्तार झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल राज्यों में पाया जाता है। दूसरे प्रकार के कोयला में टर्शियरी युगीन कोयला आता है। यह नया और घटिया किस्म का कोयला है जो असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और नागालैंड में मिलता है।

(ii) पेट्रोलियम- यह सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण एवं उपयोगी शक्ति का साधन है। यह अनेक उद्योगों का कच्चा माल भी है। यह गैसोलीन, डीजल, किरासन तेल. रंग-रोगन, कृत्रिम रेशा, प्लास्टिक, साबुन आदि के निर्माण में काम आता है।
भारत में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस का भंडार 17 अरब टन है। यहाँ विश्व के कुल उत्पादन का मात्र 1% उत्पादन होता है, जो देश में खपत से बहुत कम है।

भारत में पाँच तेल उत्पादक क्षेत्र हैं। उत्तरी पूर्वी प्रदेश में असम घाटी, अरुणाचल प्रदेश के क्षेत्र आते हैं। गुजरात क्षेत्र में खंभात की खाड़ी एवं मैदानी भाग आता है। मंबई हाई क्षेत्र, पर्वी तटीय प्रदेश में, कृष्णा, गोदावरी और कावेरी की घाटियों में पाया जाता है, बाड़मेरी बेसीन से भी तेल प्राप्त किया जा रहा है।

(iii) प्राकृतिक गैस- एक अनुमान के अनुसार भारत में 700 अरब घनमीटर प्राकृतिक गैस का भंडार संचित है। 2004-05 में इसका उत्पादन 3082 करोड़ घन’ मीटर हुआ था। इसके अतिरिक्त जल विद्युत, ताप शीक्त और परमाणु शक्ति के रूप में भी पारंपरिक ऊर्जा के साधन भारत में पाये जाते हैं।

Ajit kumar

Sub Editor-in-Chief at Jaankari Rakho Web Portal

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